पूनम शर्मा/विनय वर्मा
दैनिक सदभावना पाती
दिल्ली/इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की युवाओं को रोजगार देने की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 विफल होती नजर आ रही है क्यूंकि एनएसडीसी के अधिकारी ही उसे पलीता लगा रहे हैं जिससे देश के लगभग 600 ट्रेनिंग पार्टनर्स को करोड़ों रुपए का नुकसान होने की आशंका है।
इसके साथ ही देश के 47 लाख युवाओं के सपनों पर भी पानी फिरने वाला है क्यूंकि एनएसडीसी समय पर ट्रेनिंग पार्टनर्स को सूचना नहीं दे पाया और जब तक उनको सूचना मिली समय निकल चुका था और अब ट्रेनिंग पार्टनर्स शासन से सिर्फ एक हफ्ते का समय मांग रहे हैं तो प्रधानमंत्री विकास कौशल मंत्रालय पीएस, सेक्रेटरी और डिप्टी डायरेक्टर सुन ही नहीं रहे हैं। इस प्रसंग में सभी ट्रेनिंग पार्टनर्स कई बार वाट्सएप, मेल और पत्र के जरिये संबंधित लोगों से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना विफल होने के कगार पर है क्योंकि इसके लिए विभाग ने युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिये ट्रेनिंग पार्टनर्स को टेंडर जारी तो कर दिए लेकिन ट्रेनिंग पार्टनर्स को इतना समय नहीं मिल पाया कि वह विभाग को सभी युवाओं के दस्तावेज प्रस्तुत कर पाते। हालांकि एनएसडीसी इस मामले में समय पर सामंजस्य नहीं बैठा पाया जिसके लिए पूर्णतः एनएसडीसी ही जिम्मेदार है। सूत्रों की मानें तो ट्रेनिंग पार्टनर्स को 22 जनवरी को अलॉटमेंट दिया गया और 16 फरवरी को टेंडर निरस्त कर दिए, कहा कि दस्तावेज में त्रुटि है।
पार्टनर्स के विरोध करने पर उनको 7 मार्च की तारीख दी गई इस दौरान पार्टनर्स के कागजी कार्रवाई पूर्ण करने में सेंटर का कार्य अधूरा रह गया। उसके बाद फिर से अलॉटमेंट किया गया, अब विभाग ने अंतिम तिथि 15 मार्च दी लेकिन इतने कम समय में सेंटर तैयार करना और हजारों अभ्यर्थियों को एनरोल करना बेहद कठिन था। विभाग ने तिथि बढ़ा कर 31 मार्च की लेकिन इतने कम समय में भी कार्रवाई पुरी करना लाजमी नहीं था, ऊपर से विभाग का पोर्टल चल नहीं रहा था जिसके कारण अभ्यर्थियों को एनरोल नहीं हो सके, अब विभाग किसी की भी सुनवाई नहीं कर रहा है।
चूंकि पूरी कार्रवाई में एनएसडीसी जिम्मेदार है लेकिन अब वह किसी भी हालत में कुछ भी सुनने के तैयार नहीं है इसके लिए सभी ट्रेनर पार्टनर ने नेशनल स्किल डेवलपमेन्ट काउंसिल को कई बार अनुरोध किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एनएसडीसी के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी ।
मंत्री से लेकर पीएस सेक्रेटरी तक को कर चुके हैं शिकायत –
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, डिप्टी डायरेक्टर एस सी पांडे, पीएस दीपक दास व सेक्रेटरी अतुल तिवारी को कई बार शिकायत कर चुके हैं। इस मामले में ट्रेनिंग पार्टनर्स केंद्रीय स्किल मंत्री को कई बार फोन कर चुके हैं लेकिन उनकी तरफ से कोई रिस्पांस अभी तक नहीं मिला है, उनसे मिलने के लिये भी कई प्रयास कर चुके पर सब व्यर्थ ही साबित हुए, इसके अलावा पीएस से भी बात कर चुके हैं पर इनका जवाब भी गोलमोल ही मिला है। सेक्रेटरी ने स्पष्ट कह दिया कि इसमें अब कोई समय नहीं दिया जाएगा।
1. 22 जनवरी को टेंडर अलॉट किए
2. 16 फरवरी को टेंडर निरस्त किए
3. दस्तावेज अपूर्ण बताए
4. ट्रेनिंग पार्टनर्स के विरोध करने पर कागजात सबमिट करने की 7 मार्च की तारीख दी गई
5. 10 मार्च को वापस टेंडर अलॉट किए और 15 मार्च की अंतिम तारीख दी गई
6. पांच दिन में सभी कार्य करना संभव नहीं था तब 31 मार्च की तारीख निश्चित की गई
7. इन्हीं दिनों में ट्रेनर्स की पांच दिन की ट्रेनिंग भी कराना थी जो छात्रों को ट्रेनिंग देने वाले थे
8. ट्रेनर्स को 25 मार्च को एनरोल किया
9. 30 मार्च को ट्रेनर की एग्जाम ली
10. 31 मार्च की शाम को उसका रिजल्ट घोषित किया
11. 31 मार्च की शाम को प्रोजेक्ट अप्रूवल भी किया गया और छात्रों के एनरोलमेंट की आखरी तारीख भी यही थी
ट्रेनर का टीओटी एक दिन में करना था, केंडिडेट्स का रजिस्ट्रेशन, प्रोजेक्ट अप्रूवल, बैच सबमिशन, केंडिडेट अप्रूवल एवं सेंटर का फिजिकल इंस्पेक्शन अंतिम तिथि तक किया जा रहा था।
यह थी टेक्निकल समस्याएं –
योजना के तहत कार्य करने के लिये सबसे बड़ी जो समस्या आई वह काफी जटिल थी लेकिन उसके लिये कोई भी अधिकारी किसी भी तरह की शिकायत सुनने को तैयार नहीं है। अंतिम तिथि से पांच दिन पहले से ही योजना पोर्टल ने काम करना बंद कर दिया था जिसमें केंडिडेट की जानकारी व बैच शो नहीं हो रहा था। छात्रों का इनरोलमेन्ट शो नहीं हो रहा था। ट्रेनिंग सेंटर पोर्टल पर नहीं दिख रहा था। छात्रों की कैनआईडी शो नहीं रही थी, बैच और रजिस्ट्रेशन के प्रोजेक्ट आईडी अप्रूव नहीं हो रहे थे, बैच सबमिट टू एसएससी नहीं हो रहे थे। छात्रों के फोन पर ओटीपी नहीं आ रहा था इसके लिये जितनी शिकायत की गई उसका रिस्पॉन्स ही चार अप्रैल तक किसी को नहीं मिला।
ट्रेनिंग पार्टनर्स का कहना है कि अब हम इसके विरोध में कई बार जिम्मेदारों को शिकायत कर चुके हैं हमारे कई साथी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं और स्किल मंत्री से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन चुनाव के कारण उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। उधर जिन छात्रों के रजिस्ट्रेशन हम कर चुके हैं वो दिन रात फोन लगा कर परेशान कर रहे हैं, हजारों लोगों के फोन आने से मेंटली रूप से परेशान हो गए हैं। जल्द ही इसका कोई निराकरण नहीं किया गया तो हम आंदोलन करने के लिये बाध्य हो जाएंगे, जरुरत पड़ी तो इसके लिए हम कोर्ट तक भी जाएंगे।
प्रधानमंत्री विकास कौशल योजना में बेरोजगार युवाओं को तकनीकी और गैर तकनिकी रोजगारमुखी प्रशिक्षण देकर 38 सेक्टर में पारंगत बनाना है जिससे देश के अधिकतम युवा स्वयं के पैरों पर खड़े हो सकें। इसके लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना के तहत देश के 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार मुहैया कराना है। इस योजना में 3 महीने, 6 महीने और 1 साल के लिए रजिस्ट्रेशन होता है।
कोर्स पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट दिया जाता है। यह प्रमाण पत्र पूरे देश में मान्य होता है, इसके अलावा इस योजना से अधिक से अधिक युवा जुड़ सकें इसलिए युवाओं को ऋण देने की सुविधा भी है। योजना को 2015 में शुरू किया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य देश में सभी युवा वर्ग को संगठित करके उनके कौशल को निखार कर उनकी योग्यतानुसार रोजगार देना है। इस योजना के अंतर्गत पहले वर्ष में 24 लाख युवाओं को शामिल किया गया।
लालबाग मैदान में 15 से 27 अप्रैल तक चलने वाला आयोजन Indore News in Hindi।… Read More
Indore News in Hindi । इंदौर जिले में अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध चल रही मुहिम… Read More
इंदौर। कांग्रेस के जुझारू और कर्मठ कार्यकर्ता योगेश शाक्यवार (अक्षत) को मध्यप्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया… Read More
Indore News in Hindi । इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह के नाम और तस्वीर का… Read More
100 से अधिक मंचों से यात्रा का भव्य स्वागत, 40 से अधिक समाजों ने लगाए… Read More
Indore News in Hindi। जल ही जीवन है, और इसके संरक्षण के बिना भविष्य अधूरा!… Read More