National News. केंद्र सरकार ओबीसी लिस्ट पर राज्यों की शक्ति को बहाल करने के लिए संसद में एक कानून लाने पर विचार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनी पुनर्विचार याचिका को खारिज किए जाने के बाद केंद्र सरकार सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) की पहचान करने और उन्हें अधिसूचित करने के राज्य सरकारों के अधिकार को बहाल करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन लाने के लिए संसद में एक बिल लाने पर विचार कर रही है। बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस रिव्यू याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार ने कोर्ट के 5 मई के आरक्षण मामले में दिए फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा था।
ईटी की खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर राजनीतिक परामर्श शुरू करेगा, जिसका न केवल महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रभाव है, बल्कि संघीय ढांचे पर भी इसका गहरा असर है। ईडी की खबर की मानें तो केंद्र सरकार मुख्य रूप से एक खंड जोड़ने के लिए आर्टिकल 324 ए में संशोधन पर विचार कर रहा है, जो स्पष्ट रूप से कहेगा कि यह एसईबीसी को अधिसूचित करने के राज्य के अधिकार से वंचित या प्रभावित नहीं करता है।
[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]
दरअसल, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 324A की व्याख्या के आधार पर मराठा समुदाय के लिए कोटा को खत्म करने के अपने 5 मई के आदेश के खिलाफ केंद्र की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए 2018 में संविधान में 102वें संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 324A लाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन-दो के बहुमत से 102वें संशोधन को सही ठहराया था। बहुमत से 102वें संविधान संशोधन को वैध करार दिया मगर कोर्ट ने कहा कि राज्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) की लिस्ट तय नहीं कर सकती। बल्कि केवल राष्ट्रपति उस लिस्ट को नोटिफाई कर सकते हैं।
[/expander_maker]
लालबाग मैदान में 15 से 27 अप्रैल तक चलने वाला आयोजन Indore News in Hindi।… Read More
Indore News in Hindi । इंदौर जिले में अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध चल रही मुहिम… Read More
इंदौर। कांग्रेस के जुझारू और कर्मठ कार्यकर्ता योगेश शाक्यवार (अक्षत) को मध्यप्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया… Read More
Indore News in Hindi । इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह के नाम और तस्वीर का… Read More
100 से अधिक मंचों से यात्रा का भव्य स्वागत, 40 से अधिक समाजों ने लगाए… Read More
Indore News in Hindi। जल ही जीवन है, और इसके संरक्षण के बिना भविष्य अधूरा!… Read More