यकायक इंदौर में 10 दिन की सख्त तालाबंदी, नया फरमान जारी,देखे सख्ती के वीडियो

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sadbhawnapaati
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जिला प्रशासन ने पुराने आदेश में संशोधन करते हुए गुरुवार रात फिर एक नया आदेश जारी किया। इसमें 21 मई से लेकर 28 मई तक सभी किराना और ग्रॉसरी की दुकानें बंद रहेंगी। इसके साथ-साथ फल और सब्जी भी नहीं बेची जाएंगी। चोइथराम मंडी से भी फल और सब्जी का विक्रय नहीं होगा। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा- इंदौर में कोरोना की संक्रमण पर काबू में आ रही है। इसे 30 तारीख तक काबू में करने के लिए कुछ करें निर्णय लेना पड़ रहे हैं। हालांकि ऑनलाइन राशन सप्लाई करने वाली चेन चालू रहेगी।

एसडीएम व स्वास्थ्य अमले को निर्देशित किया गया है कि वे क्षेत्रों में अधिक संक्रमित क्षेत्रों को चिन्हित करें, ताकि उन क्षेत्रों को कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित कर अग्रिम कार्रवाई की जा सके |

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इधर अचानक बिना चेतावनी पूर्ण लाकडाउन पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत मार्च अप्रैैल में संपूर्ण लाकडाउन की जरुरत थी । तब प्रशासन प्रयोग करता रहा, अब जब केस कम हो रहे हैं पूरा देश खुल रहा है तो इंदौर बंद किया जा रहा है। ऐसे में भी फल सब्जी जैसी जरुरी चीजों से लोगों को वंचित करना समझ से परे हैं। बीते वर्ष भी कलेक्टर ने कुछ लोगों को सब्जी, फल और किराना बेचने की छूट देकर गरीब और छोटे व्यापारियों के साथ अन्याय किया था। प्रशासन का काम बेवजह घूमने वालों और नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई करने का है। प्रशासन से व्यवस्थाएं नहीं होती तो गरीबों पर मनमानी की जाती है।

शुक्रवार सुबह से पुलिस की सख्ती दिखना चालू हो गई है, हर चौराहों पर पुलिसिंग तेज है हर आने जाने वाले को रोका जा रहा है उसके बाहर निकलने का कारण पूछा जा रहा है, पुलिस और प्रशासन के तेवर देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि 10 दिन तक इस जनता कर्फ्यू का पालन करवाया जायेगा |

हालाँकि जनता प्रतिदिन की भांति बाहर निकल रही है पर पुलिस को देख कुछ लोग उलटे पैर लौट भी रहे है |

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।