Indore Holi Update : इंदौर में होली की आँखो देखी

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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सोमवार को धुलेंडी पर जिला प्रशासन के प्रतिबंधात्मक आदेश के तहत बेवजह आने-जाने पर रोक है। पुलिस हर आने जाने वालों से पूछताछ कर रही है। बेवजह घूमने वालों की खैर खबर भी ली जा रही है। जो भी रंग-पिचकारी की दुकान खुली दिखी, उन्हें बंद करवाया गया। शासन से लेकर प्रशासन तक अपनी होली, अपना परिवार का नारा दिया गया है और सामूहिक तौर पर होली नहीं खेलने की अपील की गई है। साथ ही प्रतिबंधात्मक आदेश भी जारी हैं। हालांकि आज भी अनिवार्य सेवा ही जारी है, इसमें दूध, दवा और राशन की दुकान शामिल हैं लेकिन कार्यालय, व्यावसायिक संस्थान बंद हैं।

वहीं, कलेक्टर मनीष सिंह ने धुलेंडी पर लॉकडाउन जैसी स्थिति रहने की बात कही है। उनका कहना है कि बेवजह आने-जाने पर रोक है, अपना त्योहार अपने घर पर ही मनाएं, नया संक्रमण काफी तेज है। इस समय बेवजह का मेल-जोल ठीक नहीं है, सभी बड़े अस्पतालों में बेड फुल हैं। सार्वजनिक तौर पर कोई भी आयोजन पर रोक है। भीड़ कहीं भी नहीं होने दी जाएगी। आप अपने परिवार के साथ त्योहार मनाएं, लेकिन किसी भी स्तर पर संपर्क से बचना चाहिए। किसी जरूरी काम से आना-जाना है तो सही है, लेकिन अन्य कारण से जाने पर पुलिस 144 का उल्लंघन मानेगी।

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धुलेंडी पर वैसे तो लॉकडाउन जैसा ही माहौल है। सभी मुख्य मार्ग पर सन्नाटा है, फिर चाहे बात करें अन्नापूर्णा रोड की, राजबाड़ा की या भंवरकुआं की। कहीं भी बेवजह लोग घुमते नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर काॅलोनियों और मल्टियों में जमकर रंग-गुलाल उड़ रहा है। लोग इस बार छोटे स्तर पर ही धुलेंडी मना रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में सुबह से ही फाग की गूंज सुनाई देने लगी है। लोग टोलियों में घर-घर जाकर होली की बधाई दे रहे हैं।

रात में नियमों के साथ हुआ होली का दहन
कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए रविवार को लगाए गए लॉकडाउन में नियमों एवं शर्तों के साथ होलिका दहन किया गया। समितियों ने सीमित संख्या में मौजूद होकर परंपरा का निर्वहन करते हुए सांकेतिक रूप से होलिका दहन किया। इस बार गली, मोहल्ले और चौराहे पर होलिका दहन हुए। हर साल राजवाड़ा मुख्य द्वार पर होने वाला सरकारी होलिका दहन इस बार मल्हारी मार्तंड मंदिर में किया गया। कुछ लोगों ने राजवाड़ा के मुख्य द्वार पर भी कंडे रखकर होली जला दी। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों व जवान के साथ नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों की मौजूदगी में महिला व पुरुषों ने पूजन किया। पूजन सामग्री के साथ जल चढ़कर परिक्रमा कर सुख-समृद्धि की कामना की। पुलिस ने किसी को रुकने नहीं दिया। जिन महिलाओं ने मास्क नहीं लगाया था, उन्हें पूजन नहीं करने दिया।

अधिकांश होली दहन समितियों ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए लकड़ी के बजाय गाय के गोबर से बने कंडे और गो-काष्ठ का उपयोग किया। हालांकि इस बार रंग उड़ाती शहर के पूर्वी क्षेत्र से मुरली मनोहर की फाग यात्रा तो पश्चिम से राधा कृष्ण का बाना नहीं निकला। वहीं, सुबह से इन सभी इलाकों की ओर जाने वाली सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।