भारतीय सिन्धु सभा द्वारा ऑनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ

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सिन्धी भाषा की उपयोगिता को युवा पीढ़ी तक पहुंचाना होगा–नागवानी
वर्तमान परिस्थितियां निश्चित ही पूरे विश्व के लिए प्रतिकूल बनी हुई है, लेकिन इस बुरे समय मे हमें एक दूसरे का साथ भी देना है, अपना आत्मविश्वास बनाए रखना है और साथ ही सिन्धियत के प्रति अपने दायित्व को भी निभाना है, यह बात भारतीय सिन्धू सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लधाराम नागवानी ने सिन्धी भाषा दिवस के अवसर पर भारतीय सिन्धू सभा द्वारा आयोजित ऑनलाइन विचार गोष्ठी में कही। उन्होंने कहा कि सिन्धियत बचाने के लिए हमें सिन्धी भाषा की उपयोगिता के बारे में युवा पीढ़ी को समझाना होगा।
इस अवसर पर सिन्धू सभा के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतराम छाबड़ा ने हजारों वर्ष पुरानी सिन्धी सभ्यता की महानता बताते हुए मातृशक्ति से आव्हान किया कि घर मे बच्चों से सिन्धी में बातचीत करें।
भारतीय सिन्धू सभा के राष्ट्रीय महामंत्री व भाजपा-म.प्र. के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने कहा कि 1967 में 10 अप्रैल को भगवान झूलेलाल जयंती (चेटीचंड) थी और ऐसे महत्वपूर्ण दिवस पर श्रद्धेय अटलबिहारी वाजपेयी जी और श्रद्धेय लालकृष्ण आडवाणी जी के सद्प्रयासों से सिन्धी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया, जिसके लिए सिन्धी समाज सदैव अटल जी व आडवाणी जी का ऋणी रहेगा।

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इस ऑनलाइन विचार गोष्ठी में राजेश वाधवानी, गुलाब ठाकुर, महेश ठारवानी, सरोज भाटिया, मनीषा रोहाणी, कविता इसरानी, गोपी गेलानी, राजेश बत्रा, सुरेंद्र लच्छवानी, नानक दादलानी, सुभाष बत्रा, डॉ. सत्यप्रकाश बत्रा, राम कोटवानी, राजकुमार नारंग, कैलाश पंजाबी, राजू बालानी, मुकेश वलेचा, चरण आहूजा, मनोज पंजवानी, विक्रम चौधरी,सुनील छाबड़ा, राजकुमार कंधारी, प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
विचार गोष्ठी का संचालन राजेश वाधवानी ने किया तथा आभार महेश ठारवानी ने व्यक्त किया। अंत मे सभी ने सिन्धू सभा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री विशाल दरियानी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की।

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