प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हनी ट्रैप का मामला सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, कमल नाथ सरकार में वन मंत्री रहे उमंग सिंघार के खिलाफ हो रही कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस एकजुट हो गई है। विधायक दल की बैठक में यह मुद्दा उठा और कुछ विधायकों ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के साथ अलग से चर्चा भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सिंघार मामले में सरकार ओछी राजनीति न करे वर्ना परिणाम ठीक नहीं होंगे। हनीट्रैप की पेनड्राइव हमारे पास भी है पर हमने हमेशा सदाचार की राजनीति की है।
कांग्रेस का हाथ उमंग सिंघार के साथ
हालांकि बीजेपी को लगता है इससे कोई फर्क नहीं है. बीजेपी कह रही है कि हम पहले भी कह चुके थे कि यदि उनके पास कोई सबूत हो तो वह सार्वजनिक करें. कमलनाथ के तेवर से साफ लग रहा है कि वह हर हाल में उमंग सिंघार पर हुई एफआईआर को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. साथ ही पूरी कांग्रेस पार्टी उमंग सिंघार के साथ खड़ी नजर आ रही है.
हालांकि बीजेपी को लगता है इससे कोई फर्क नहीं है. बीजेपी कह रही है कि हम पहले भी कह चुके थे कि यदि उनके पास कोई सबूत हो तो वह सार्वजनिक करें. कमलनाथ के तेवर से साफ लग रहा है कि वह हर हाल में उमंग सिंघार पर हुई एफआईआर को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. साथ ही पूरी कांग्रेस पार्टी उमंग सिंघार के साथ खड़ी नजर आ रही है.
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कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान ही कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति, डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ, पीसी शर्मा, आरिफ मसूद, प्रवीण पाठक ने कमलनाथ ने मामले में अलग से बात की। उन्होंने कहा कि इस मामले को मुख्यमंत्री के सामने उठाना चाहिए। इसके बाद कमलनाथ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इस मामले में सरकार ओछी राजनीति ना करे |
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