पुरातन काल से ही पवित्र नर्मदा नदी की परिक्रमा का महत्व रहा है, यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि मध्यप्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा माँ नर्मदा से चलती है ।
नर्मदा नदी को भारतवर्ष में माँ की संज्ञा दी गई है इन्हें माँ नर्मदा के नाम से संबोधित किया जाता है एवं इनकी परिक्रमा का महत्व अनादि काल से रहा है ।
पुराणों में उल्लेख है कि गंगा नदी में स्नान से पापों से मुक्ति मिलती है वही नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से पापों से मुक्ति मिल जाती है कोरोना काल में परिक्रमा बंद होने से भक्त माँ नर्मदा के दर्शन और परिक्रमा नहीं कर पा रहे थे।
नर्मदा पुत्र क्रिएशन द्वारा ऑनलाइन डीवीडी एवं यूट्यूब चैनल की लांचिंग की गई है जिसमें पुण्य दायिनी माँ के 14 नामों, 71 नदी संगमों व 489 तीर्थों का समावेश करते हुए 2856 किलोमीटर की परिक्रमा मार्ग की यात्रा का सजीव वर्णन, कीर्तन मधुर स्वर में गाए गए गानों के साथ किया गया है ।
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इसके माध्यम से भक्तजन ऑनलाइन अपने निवास पर ही नर्मदा जी की परिक्रमा का आनंद प्राप्त कर सकेंगे।
इसका ऑनलाइन विमोचन मुख्य अतिथि श्री पी. सी. शर्मा विधायक भोपाल, महंत श्री १०८ दयाराम दास जी महाराज (मंगलाज म.प्र.),श्री प्रसन्न जी हरदास,श्री अखिलेश उपाध्याय एवं वरिष्ठ संरक्षक श्री केशव जोशी जी नागपुर की विशेष उपस्थिति में किया गया।
संयोजन संतोष साकल्ले, संकलन आचार्य गजेंद्र शुक्ल, गायन-वादन निलेश सावरकर, गायिका अहिंसा तिरपुड़े, मंजरी अय्यर, संगीत विकास बोस्कर ने किया है। छायांकन संतोष जोशी, संपादन नीरज मालवीय एवं चंदन जोशी का है। तकनीकी प्रभारी पीयूष परसाई रहे।
ऑनलाइन प्रीमियर में बड़ी संख्या में नागपुर, मुलताई, बैतूल, बेंगलुरु,पूना, जबलपुर, भोपाल, इंदौर, खंडवा, हरदा, मंगलाज इत्यादि स्थानों से भक्तजन, दर्शक व पत्रकार गण उपस्थित रहे।
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