चमेलीदेवी पब्लिक स्कूल के परिजनों द्वारा ट्यूशन फीस के नाम पर ली जा रही पूरी फीस के उचित निर्धारण, फीस के अभाव में पढ़ाई बंद करने, टीसी नहीं देने बाबद हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका में सोमवार को सुनवाई हुई । याचिकाकर्ता की और से न्यायालय के समक्ष अधिवक्ता शैली खत्री ने तर्क रखे और बताया कि किस तरह स्कूल प्रबंधन माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं।
अधिवक्ता खत्री के तर्कों से सहमत होकर न्यायालय द्वारा स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी करने बाबद आदेश पारित किए। साथ ही 2 बच्चों को जिनकी टीसी पूरी फीस जमा नहीं होने के कारण स्कूल प्रबंधन द्वारा जारी नहीं की जा रही थी उन्हें 70% फीस प्राप्त कर टीसी जारी करने बाबद अंतरिम आदेश भी पारित किये हैं। मामले में अगली सुनवाई नवम्बर माह में होगी। उल्लेखनीय है कि चमेलीदेवी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कई शिकायतों के बावजूद आज तक जिला कलेक्टर, संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग व जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किये जाने से पीड़ित अभिभावकों द्वारा स्कूल प्रबंधन व जिम्मेदार प्रशासनिक को कानूनी नोटिस भी प्रेषित किया था उसके बाद भी कोई निराकरण नहीं होने पर पीड़ित अभिभावकों द्वारा अधिवक्ता चंचल गुप्ता व अधिवक्ता शैली खत्री के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी ।
बाल आयोग भी कर चुका है कार्रवाई की सिफारिश
पीड़ित अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध बाल कल्याण समिति के समक्ष भी शिकायत प्रस्तुत की थी जिसकी जांच के बाद बाल कल्याण समिति द्वारा शिकायत सही पाते हुए स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, राज्य स्कूल शिक्षा विभाग व इंदौर जिला कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया था उसके बाद भी जिम्मेदारों द्वारा स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं कि गई ना ही अभिभावकों व बच्चों को न्याय मिला है।