अपने अपने क्षेत्र के अवैध कालोनाइजेशन, निर्माण रोकने और अवैध निर्माणों को वैध करवाने की दी जिम्मेदारी
इंदौर। अवैध निर्माणों को वैध करने के लिए नगर निगम द्वारा सभी 19 झोनल कार्यालय पर कम्पाउंडिंग के शिविर लगाए गए हैं, जिनमें अभी तक 150 से अधिक आवदेन मिल चुके हैं 130 फीसदी मंजूर नक्शे के मुताबिक किए गए अधिक निर्माणों को वैध किया जा सकेगा, वहीं भवन अधिकारियों की अदला-बदली के बाद कल भवन निरीक्षकों के झोन भी बदले गए और ड्रेनेज, सीवरेज सहित सौंपे गए अन्य दायित्वों से मुक्त करते हुए इन भवन निरीक्षकों को अवैध कॉलोनाइजेशन रोकने, अवैध निर्माणों को नोटिस जारी करने और कम्पाउंडिंग की प्रक्रिया संपादित करने की जिम्मेदारी आयुक्त ने सौंपी है।
पिछले दिनों नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने गजट नोटिफिकेशन के बाद अवैध निर्माणों को वैध करने के लिए कम्पाउंडिंग करने के निर्देश नगरीय निकायों को दिए। इसके चलते निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने सभी 19 झोनों पर 14 अक्टूबर तक शिविर लगाने के निर्देश दिए।
अभी शनिवार और रविवार के अवकाश के दिन भी यह शिविर लगाए गए। अपर आयुक्त संदीप सोनी के मुताबिक 150 से अधिक आवेदन कम्पाउंडिंग के मिल चुके हैं, जिनकी जांच-पड़ताल के बाद तय गाइड लाइन के अनुरूप ही कम्पाउंडिंग की जा सकेगी। आवासीय पर हुए व्यावसायिक निर्माण के अलावा फ्रंट एमओएस पार्किंग, सरकारी जमीन नाले किनारे या ग्रीन बेल्ट की जमीन पर हुए अवैध निर्मााण वैध नहीं हो सके।
भवन अनुज्ञा शाखा में निगमायुक्त द्वारा बड़े बदलाव भी किए गए हैं। इसके चलते झोन परिवर्तन किए, वहीं भवन निरीक्षकों को भी नई जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। अब उन्हें ड्रेनेज, राजस्व, वैक्सीनेशन से लेकर अन्य कार्यों से मुक्त करते हुए सिर्फ भवन निरीक्षक का ही काम करने को कहा गया है, ताकि वे अपने क्षेत्र में अवैध कालोनाइजेशन, अवैध निर्माणों को रोकने, नोटिस देने के साथ कम्पाउंडिंग की प्रक्रिया संपन्न करवा सके।
निगमायुक्त ने इस संबंध में जो आदेश जारी किया, उसमें 13 उपयंत्रियों को भवन निरीक्षक का जिम्मा सौंपा गया है। पिछले दिनों सम्पत फार्म सहित 22 इमारतों को भी अधिभोग पूर्णता प्रमाण पत्र न लेने के चलते नोटिस थमाए गए थे। उनकी भी कम्पाउंडिंग की प्रक्रिया जारी है।