25 साल में करोड़पति बन गया नगर निगम के लेखा विभाग का बाबू
नगर निगम के लेखा विभाग में मस्टर कर्मचारी के रूप में 25 साल पहले भर्ती हुआ राजकुमार साल्वी देखते-देखते करोड़पति बन गया। निगम के लेखा विभाग में ठेकेदारों के बिल बनाते-बनाते उसने बियाबानी का अपना पैतृक मकान छोड़ छोटा बांगड़दा की अंबिकापुरी कालोनी में तीन मंजिला आलीशान घर खड़ा कर लिया। यही नहीं इस मकान से लगे दो प्लाट भी खरीद लिए। साथ ही एरोड्रम रोड पर सीताश्री रेसीडेंसी इमारत में एक बड़ा फ्लैट भी खरीदा है।
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में शुक्रवार को ईओडब्ल्यू ने साल्वी के तीन ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की तो यह खुलासा हुआ। ईओडब्ल्यू पुलिस की टीम ने शुक्रवार सुबह करीब 6.30 बजे साल्वी के अंबिकापुरी स्थित घर से कार्रवाई शुरू की। ईओडब्ल्यू एसपी धनंजय शाह के निर्देश पर जब छापामार दल के अधिकारी साल्वी के घर पहुंचे तो वे जागे भी नहीं थे। जांच दल ने ही घर का दरवाजा खुलवाया। अफसरों की टीम को देख साल्वी,, उनकी पत्नी और बच्चे भौंचक्के रह गए।
जांच में साल्वी और उनकी पत्नी के नाम बैंकों की पासबुक, बीमा कंपनियों में लाखों का निवेश और सोने-चांदी के आभूषण भी मिले। साल्वी ने घर में शानो-शौकत का सारा सामान जुटा रखा था। वह बच्चों की शिक्षा पर भी लाखों रुपये खर्च कर रहा है। निवास पर एक कार और तीन दो पहिया वाहन भी पाए गए। संपत्ति का आकलन करीब डेढ़ करोड़ रुपये किया गया है।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि साल्वी वर्ष 1997 से निगम में मस्टर कर्मचारी के रूप में कार्य कर रहा है। वर्ष 2016 में उसे स्थायी कर्मचारी के रूप में पदस्थ किया गया। उसके 25 साल के सेवाकाल में वेतन का आकलन लगभग 26 लाख रुपये किया गया है।