Religious And Spiritual News – परिवार की सुख समृद्धि के लिए धनतेरस पर इस मुहूर्त में करें भगवान धन्वंतरि की पूजा

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आज से पांच दिवसीय दिवाली महापर्व का प्रारंभ धनतेरस से हो रहा है.

धनतेरस के दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की भी पूजा करने का विधान है. धनतेरस माता लक्ष्मी और स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि के संयुक्त पूजन का महापर्व है. धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक कहा जाता है. इन्हें देवताओं का वैद्य कहा जाता है. शास्त्रों में वर्णित उल्लेख के अनुसार स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है. भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन से प्रकट हुए हैं. वो औषधि लेकर प्रकट हुए हैं. धनतेरस में दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से अकाल मृत्यु नहीं होती है.

धनतेरस में पूजा का शुभ मुहूर्त

  • धन त्रयोदशी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.25 से शाम 6 बजे तक
  • प्रदोष काल में शाम 5:39 से 8:14 बजे तक माता लक्ष्मी के पूजन का समय

धनतेरस पर्व पर दीप दान का भी विधान

धनतेरस पर दीपक खरीदने और दीपदान का भी विधान है. इस दिन बर्तन आभूषण खरीदकर उसकी पूजा करने का महत्व है. माता लक्ष्मी और धन्वंतरि को भाई-बहन कहा जाता है, क्योंकि दोनों की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई है. ऐसी मान्यता है बर्तन और आभूषण के रूप में हम माता लक्ष्मी को घर लाकर पूजा करते हैं. प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करने से माता प्रसन्न होती हैं और रात्रि में विचरण करते हुए यह देखती हैं कि आज के दिन किस-किस घर में उनकी पूजा हो रही है?

धनतेरस में दिनभर खरीदें बर्तन-आभूषण

जिन घर में माता लक्ष्मी की पूजा होती है, उन घरों पर उनकी विशेष अनुकंपा होती है. इस दिन बर्तन-आभूषण की खरीदारी दिनभर कर सकते है. शाम में बर्तनों और आभूषणों की अक्षत पुष्प, सुगंधित इत्र से पूजा करते हुए माता लक्ष्मी से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है. इस दिन भगवान कुबेर की पूजा का भी विधान है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।