मिलाप जावेरी (Milap Zaveri) निर्देशित फिल्म ‘सत्यमेव जयते 2’ (Satyameva Jayate 2) का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था, वो आज खत्म हो गया है.
जॉन अब्राहम (John Abraham) स्टारर इस फिल्म की कहानी भ्रष्टाचार का नामों-निशान खत्म करने के ईर्द-गिर्द घूमती है. जॉन अब्राहम का फिल्म में ट्रिपल रोल है, वो कैसे ये हम आपको फिल्म के ट्रेलर के दौरान पहले ही बता चुके हैं. जॉन अब्राहम के अलावा फिल्म में दिव्या खोसला कुमार (Divya Khosla Kumar), अनूप सोनी (Anoop Soni), गौतमी कपूर (Gautami Kapoor) जैसे कलाकार अहम भूमिका में हैं.
कहानी
सत्य आज़ाद (जॉन अब्राहम), एक ईमानदार गृह मंत्री अपने भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक के साथ देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करना चाहता है। हालाँकि, यह न केवल अपने सहयोगियों से, बल्कि उनकी पत्नी विद्या (दिव्य खोसला कुमार) से भी पर्याप्त ‘हां’ पाने में विफल रहता है, जो विपक्ष की सदस्य हैं, जो विधानसभा में ‘नय’ को वोट देती हैं। जब शहर में कुछ भीषण हत्याएं होती हैं, तो एसीपी जय आजाद (जॉन अब्राहम) को हत्यारे को पकड़ने के लिए लाया जाता है, उसके मकसद पर कोई फर्क नहीं पड़ता। तो अगर आपको लगता है कि यह कहानी भाई के खिलाफ भाई के इर्द-गिर्द घूमती है, नहीं फिल्म में इसके अलावा और भी बहुत कुछ है।
रिव्यू
सत्यमेव जयते 2 (एसएमजे 2) अपने प्रीक्वल सत्यमेव जयते (एसएमजे) से आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका भ्रष्टाचार और सत्ता के लालच से निपटना है। ‘सत्यमेव जयते 2’ को 80 के दशक की मास फिल्म की तरह बुना गया है।जब आप देखते हैं कि जॉन अब्राहम निर्दोष नागरिकों की मौत का कारण बनने वालों को दंडित करने के लिए एक सतर्क व्यक्ति में बदल जाता है, तो आप उतने आश्चर्यचकित नहीं होते हैं, जब आपको पता चलता है कि यह सत्य है जो मौत की सजा दे रहा है, और जय को लाने के लिए तैयार किया जा रहा है। जाहिर है कि मिलाप जावेरी की ये फिल्म 80 के दशक की फिल्मों को एक ट्रिब्यूट है। फिल्म के डायलॉग और स्क्रीनप्ले में यह बात पूरी तरह झलकती है।