ताज्जुब यह कि रमेश चंद्र पाटीदार दूसरों को ईमानदारी का पाठ पढ़ा कर खुद काली कमाई करने में मशगूल था। उसने अपने ऑफिस में ईमानदारी का अर्थ लिखा बोर्ड टांग रखा था। इस पर लिखा था ‘ ईमानदारी का अर्थ है- हजार मनकों में से अलग चमकने वाला हीरा’।
मिली तीन करोड़ से ज्यादा की संपत्ति
ईओडब्ल्यू के एसपी धनंजय शाह ने बताया कि अभी तक की जांच में करीब तीन करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति मिली है। इसमें जमीन, मकान, फ्लैट और गाड़ियां शामिल हैं। जिला प्रबंधक के पास मोहन बड़ाेदिया गांव में एक अस्पताल, आलोक नगर में एक घर, धार के त्रिमूर्ति नगर में एक घर और भोपाल के चूना भट्टी चिनार हिल्स में फ्लैट है। मोहन बड़ोदिया में पैतृक मकान, दो कारें, ट्रैक्टर-ट्रॉली और कुछ दो पहिया वाहन भी हैं। घर से बेशकीमती जमीनों के दस्तावेज भी मिले हैं।
जिला प्रबंधक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की कई शिकायतें मिली थीं। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने उसके खिलाफ कार्रवाई की। एसपी ने बताया कि पाटीदार ने अपने कार्यकाल में ऋण पुस्तिका और अनुदान में भी गबन किए हैं। इसकी जांच की जा रही है। एसपी ने बताया कि पिछले छह महीने से विभाग की नजर प्रबंधक पर थी। कार्रवाई के दौरान वह धार में नहीं था। कुछ दिनों के लिए अवकाश लेकर पैतृक गांव शाजापुर के मोहन बड़ोदिया आया था।
5 मकान समेत 52 बीघा जमीन
कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए डीएसपी अनिरुद्ध वाधिया ने बताया कि जिला प्रबंधक के धार, इंदौर, भोपाल, शाजापुर समेत पैतृक गांव में 5 मकान मिले हैं। करीब 52 बीघा जमीन मिली है। पांच बैंक और एक लॉकर की जानकारी मिली है। सोने-चांदी के गहने भी मिले हैं। इनकी कीमत करीब 40 लाख रुपये है।
रमेश चंद्र पाटीदार करीब 13 साल से लगातार धार में ही पदस्थ है। उसका ऑफिस भी प्राइवेट भवन में संचालित हो रहा है। शाजापुर में उसने चर मंजिला हॉस्पिटल बनाकर उसे किराए पर दिया हुआ है। अधिकारियों को फार्म हाउस का भी पता चला है।