Religious News – 14 साल बाद 26 दिसंबर को बन रहा है ये शुभ योग, ये उपाय करने से घर में बनी रहेगी सुख-समृद्धि

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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Religious News. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार 14 साल बाद पौष मास के रविवार और सप्तमी तिथि का संयोग 26 दिसंबर, रविवार को बन रहा है। इससे पहले 30 दिसंबर 2007 को ऐसा हुआ था जब रविवार को पौष महीने के कृष्णपक्ष की सप्तमी थी। अब 3 साल बाद 22 दिसंबर 2024 में ऐसी स्थिति बनेगी।
उगते सूरज को अर्घ्य दें
– सूर्योदय से पहले नहाने के बाद तांबे के लोटे में शुद्धजल भर लें। उसके साथ ही लोटे में लाल चंदन, लाल फूल, चावल और कुछ गेहूं के दाने भी डाल लें।
– ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र बोलें और उगते हुए सूरज को इस लोटे का जल चढ़ाएं। इसके बाद भगवान भास्कर को नमस्कार करें।
– गायत्री मंत्र का जाप करें और हो सके तो आदित्य हृदय स्तोत्र का भी पाठ करें। इसके अलावा भगवान सूर्य के 12 नामों का जाप भी कर सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
– सूर्य के सामने बैठकर बिना नमक का व्रत करने का संकल्प लें। संभव हो तो पूरे दिन तांबे के बर्तन का पानी पीएं। पूरे दिन व्रत रखें और फलाहर में नमक न खाएं।
– एक समय भोजन करें तो उसमें भी नमक का इस्तेमाल न करें। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद श्रद्धानुसार भोजन, वस्त्र या कोई भी उपयोगी वस्तु दान करें।
– गाय को चारा खिलाएं और अन्य पशु-पक्षियों को भी खाने की कोई वस्तु खिलाएं। अपनी इच्छा अनुसार जरूरतमंदों को दान करें।
दूर होती हैं बीमारियां
– भानु सप्तमी पर सूर्य को जल चढ़ाने से बुद्धि का विकास होता है और मानसिक शांति मिलती है और वह व्यक्ति कभी भी अंधा ,दरिद्र, दुखी नहीं रहता।
– सूर्य की पूजा करने से मनुष्य के सब रोग दूर हो जाते हैं। भानु सप्तमी के दिन दान करने से पुण्य बढ़ता है और लक्ष्मीजी भी प्रसन्न होती हैं।
– पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यह व्रत करने से पिता और पुत्र में प्रेम बना रहता है। इस दिन सामर्थ्य के अनुसार गरीबों और ब्राह्मणों को दान देना चाहिए।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।