MP News – फिर से 2000 करोड़ का कर्ज लेगी शिवराज सरकार, नोटिफिकेशन जारी

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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– सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 20 साल तक के लिए लेगी कर्ज
-सरकार पर अब तक 2 करोड़ 53 लाख 335 करोड़ का कर्ज हो चुका है
मप्र। मध्य प्रदेश में आर्थिक हालात सुधारने के लिए सूबे की शिवराज सरकार फिर से 2 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है। वित्त विभाग ने 2 हजार करोड़ रुपए का नया कर्ज लेने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। दरअसल सरकार कर्ज रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया से 20 साल तक के लिए लेगी। इससे पहले जुलाई में प्रदेश सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। साल 2021-22 में अब तक 18 हजार करोड़ का कर्ज एमपी सरकार ले चुकी है। प्रदेश पर अब करीब तीन लाख करोड़ का कुल कर्ज हो गया है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार पर अब तक 2 करोड़ 53 लाख 335 करोड़ का कर्ज हो चुका है। इसमें एक लाख 54 हजार करोड़ का कर्ज खुले बाजार का है। वहीं वित्त वर्ष 2019-20 में राज्य सरकार ने 23,430 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। भारी कर्ज के चलते राज्य सरकार को हर साल बड़ी रकम ब्याज के तौर पर चुकानी पड़ रही है। मध्यप्रदेश सरकार पर अब तक 2 करोड़ 53 लाख 335 करोड़ का कर्ज हो चुका है। यह राज्य के कुल बजट से ज्यादा है। मध्य प्रदेश ने साल 2020-21 में 2.41 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। कोरोना महामारी ने राज्य की आर्थिक हालत को काफी नुकसान पहुंचाया है और कर्ज की सीमा बढ़ने के पीछे भी यही मुख्य वजह मानी जा रही है। लॉकडाउन के दौरान सभी उद्योग धंधे, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे थे।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।