Ujjain Mahakaal Mandir News – महाशिवरात्रि पर महाकाल को बांधा गया 11 फीट लंबा सेहरा, 15 मिनिट में 21 लाख दिये प्रज्ज्वलित

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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया

उज्जैन. मध्य  प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर में मंगलवार तड़के 2.45 बजे मंदिर के पट खुलें, इसके बाद पुजारियों ने भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन किया.
महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीतगिरिजी महाराज ने भगवान को भस्म अर्पित की. इसके बाद भगवान को भोग लगाकर आरती की गई. दो लाख से ज्यादा भक्त ने भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे.
कोरोना काल के दो साल बाद महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया गया. भगवान महाकाल को दूल्हा बनाया गया उन्हें 11 फीट की सेहरा पहनाया गया जिसमें 3 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल किया गया, इनमें 100 किलो अकौए और 200 किलो देसी फूलों का उपयोग किया गया है.
वहीं गर्भगृह और नंदी हॉल को भी थाईलैंड और इंडोनेशिया के फूलों से सजाया गया. इसके लिए 5 कारीगर बेंगलुरु से बुलाए गए. आज अल सुबह 3 बजे से मंदिर के पट खोल दिए गए हैं जो लगातार 44 घंटे तक खुले रहेंगे. पूरे समय पूजन-अनुष्ठान के साथ  पंचामृत अभिषेक चलता रहेगा.

बुधवार रात 11 बजे पट बंद होंगे और दर्शनों का सिलसिला थमेगा. इस दौरान दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन लाभ ले सकेंगे. गर्भ गृह में दोपहर 12 बजे सरकारी पूजन हुआ जिसमें कलेक्टर आशीष सिंह आईजी समेत अधिकारी शामिल हुए.

2 मार्च की सुबह सप्त धान्य अर्पण होगा और दोपहर 12 बजे भस्म आरती होगी. सोने के चंद्रमा और सोने के त्रिपुंड से महाकाल का तिलक होगा.

21 लाख दीपों से जगमग अवंतिका नगरी 

महाशिवरात्रि पर उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम् महोत्सव मनाया गया  21 लाख दीपों से अवंतिका नगरी जगमग हुई . इनमें से 14 लाख दीपक क्षिप्रा नदी के तट पर बाबा महाकाल की नगरी में 15 मिनिट में 21 लाख दिये प्रज्ज्वलित कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया, अब तक यह रिकॉर्ड श्री राम जन्मभूमि अयोध्या के नाम है.

थ्री आर कॉन्सेप्ट पर हुआ कार्यक्रम 

यह पूरा आयोजन थ्री आर यानी रिड्यूस,रीयूज और रिसाइकिल कॉन्सेप्ट पर हुआ . दीपोत्सव के बाद दीयों को रिसाइकिल किया गया . दीयों की मिट्टी से देव प्रतिमाएं बनाईं जाएंगी.

बचे तेल का उपयोग गौशाला में खाद्य पदार्थों के लिए किया जाएगा. 14 हजार वॉलिंटियर्स के आईडी कार्ड को रिसाइकल कर बगीचों में कुर्सियां,बेंच बनाईं जाएंगी वहीं करीब 14 हजार खाली तेल की बोतलों का दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।