Indore News – 1
विजय मूलचंदानी को देअविवि द्वारा पीएचडी उपाधि

इंदौर। विजय मूलचंदानी को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर (मप्र) ने प्रबंध संकाय के अंतर्गत पीएचडी की उपाधि प्रदान की है। इन्होंने ‘रोल ऑफ ई-कॉमर्स इन डेवलपिंग सोशल परसेप्शंस ऑफ यूथ टुवर्ड इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट’ विषय पर अपना शोध कार्य डाॅ. बी.के. त्रिपाठी (निदेशक आईआईपीएस, देअविवि) के मार्गदर्शन में पूर्ण किया है। भाजयुमो इंदौर नगर में कार्यकारिणी सदस्य श्री मूलचंदानी को इस सुयश पर भाजपा नेताओं, समाजसेवियों और शिक्षाविदों सहित इष्ट मित्रों ने शुभकामनाएं दी हैं।
Indore News – 2
कॉटन फैक्ट्री में आग लाखों का नुकसान

इंदौर। ग्राम बरदरी मालवा कॉलेज के पास कॉटन कपास फैक्ट्री में आग लग गई। आग से जीनिंग प्रेसिंग मशीनें रूई व अन्य सामान मिलाकर 75 लाख से ज्यादा का नुकसान हुआ। फायर फायटरों ने दस हजार लीटर से ज्यादा पानी छिड़ककर आग बुझाई। आग की वजह शार्ट सक्रिट को बताया जा रहा है।
Indore News – 3
जी.पी.ओ. की भारतीय स्टेट बैंक में भारी भीड़

इंदौर। भारतीय स्टेट बैंक की इंदौर की मुख्य शाखा जीपीओ छावनी में कामकाज ज्यादा है। भीड़ ज्यादा है लेकिन स्टाफ कम है। इस बैंक पर काम का दबाव सबसे ज्यादा है फिर भी व्यवस्थाएं नहीं सुधारी जा रही है।
जीपीओ स्थित भारतीय स्टेट बैंक इंदौर की रिजर्व बैंक मानी जाती है। यहां भविष्य निधि के खाते बड़ी संख्या में हैं तो खातेदारों की संख्या भी सबसे ज्यादा है। इसे करंसी चेस्ट का काम भी करना पड़ता है। इतना सब कुछ होने के बाद भी स्टाफ की संख्या कम है। अभी जितना स्टाफ है वह व्यस्त नजर आता है। इंटरवल के बाद तो यहां भीड़ बेकाबू हो जाती है। इंदौर में स्टेट बैंक ऑफ इंदौर विलय भारतीय स्टेट बैंक में होने के बाद से कामकाज का दबाव सबसे ज्यादा बढ़ा है। एक एक काम के लिए महीनों बरसों चक्कर लगाना पड़ता है। पेंशनरों को यहां बहुत परेशान होना पड़ता है। पेंशनर को डेबिट कार्ट एटीएम बनवाने बदलवाने या गुमने पर के लिए परेशानी होती है।
जीपीओ स्थित भारतीय स्टेट बैंक इंदौर की रिजर्व बैंक मानी जाती है। यहां भविष्य निधि के खाते बड़ी संख्या में हैं तो खातेदारों की संख्या भी सबसे ज्यादा है। इसे करंसी चेस्ट का काम भी करना पड़ता है। इतना सब कुछ होने के बाद भी स्टाफ की संख्या कम है। अभी जितना स्टाफ है वह व्यस्त नजर आता है। इंटरवल के बाद तो यहां भीड़ बेकाबू हो जाती है। इंदौर में स्टेट बैंक ऑफ इंदौर विलय भारतीय स्टेट बैंक में होने के बाद से कामकाज का दबाव सबसे ज्यादा बढ़ा है। एक एक काम के लिए महीनों बरसों चक्कर लगाना पड़ता है। पेंशनरों को यहां बहुत परेशान होना पड़ता है। पेंशनर को डेबिट कार्ट एटीएम बनवाने बदलवाने या गुमने पर के लिए परेशानी होती है।
Indore News – 4
चार साल बाद मौत का मुआवजा मिला 8 लाख रू.

इंदौर। चार साल पहले एक ट्रेवलर्स गाड़ी ने मजदूर को कुचलकर जान ले ली थी। उसका मुआवजा 4 साल बाद अब 8 लाख रू. दिया गया है। श्रमिक हरीशचंद्र पैदल पैदल मांगलिया स्थित अपने घर से मुंबई आगरा रोड स्थित शनिदेव मंदिर जा रहा था तभी उसे टेम्पो ट्रेवलर्स ने टक्कर मार दी थी। हादसे में हरीशचंद्र की जान चली गई। ट्रेवलर को भोपाल का राहुल सोलंकी चला रहा था। राहुल को लापरवाही से गाड़ी चलाने का दोषी पाया गया था। टेम्पो ट्रेवलर्स इंदौर निवासी साहिल कुरैशी का था। मृतक हरीशचंद्र की पत्नी बसंती बाई बेटे गजेंद्र व सतीश ने मामला मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में पेश कर 35 लाख रू. हर्जाना देने की मांग की। इस मामले में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने एक महीने बाद माना कि गाड़ी ड्रायवर के पास वैध लायसेंस नहीं था। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में 35 लाख की बजाय 8 लाख रूपया मुआवजा देने के आदेश दिए।