सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में आया बदलाव
नरसिंहपुर । जिले के चीचली विकासखंड के ग्राम पुआरिया की श्रीमती शिवानी कौरव वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण कर इसके विक्रय से आत्मनिर्भर हुई है।
गृहणी के रूप में घर में रहने वाली शिवानी जब मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के काव्य स्वसहायता समूह से जुड़ी, तो उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में बदलाव आया।
उन्होंने आजीविका पोर्टल के माध्यम से काव्य वर्मी कम्पोस्ट प्रोडक्ट की न केवल किसानों को बिक्री की, बल्कि स्वयं भी अपनी खेती में इसका उपयोग किया। इससे उनकी कृषि उपज में हुई बढ़ोत्तरी और विक्रय से आमदनी बढ़ी।
शिवानी कौरव बताती हैं कि आजीविका मिशन की चीचली विकासखंड की टीम ने स्वसहायता समूह का उनके ग्राम में आकर गठन किया।
हमने 11 महिलाओं को जोड़कर काव्य स्वसहायता समूह का गठन किया। मिशन की टीम द्वारा हमें उन्नत तरीके से खेती करने और वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए प्रेरित किया गया।
हमने समूह के माध्यम से 50 हजार रूपये का लोन लिया और आत्मा परियोजना से जुड़कर वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण शुरू किया।
इसके लिए बेड एवं टांके का निर्माण किया और टीन शेड बनवाया। हमने वर्मी कम्पोस्ट के साथ- साथ अजोला एवं केंचुआ उत्पादन का कार्य भी किया।
हमारा समूह किसानों एवं बागवानी करने वालों को वर्मी कम्पोस्ट की सप्लाई कर रहा है। मेरे पति श्री कुलदीप कौरव पेशे से इंजीनियर हैं और उन्नत कृषि में रूचि होने के कारण वे गांव में वापस आकर अपनी पैतृक भूमि पर खेती कर रहे हैं। समूह के सदस्यों और पति के सहयोग से हम जैविक खेती को बढ़ावा देने के काम में जुटे हैं।
शिवानी कौरव कहती हैं कि समूह से जुड़ने के बाद मेरी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में बदलाव आया है और हमारी कृषि उपज बढ़ने से परिवार की आमदनी में इजाफा हुआ है।
इससे हमारे परिवार की सभी स्रोतों से मासिक आय पहले से करीब दोगुनी हो गई है। शिवानी की इच्छा है कि वे भविष्य में उन्नत कृषि के साथ उन्नत तरीके से पशु पालन भी करेंगी।
शिवानी कौरव अपनी सफलता के लिए आजीविका मिशन और मध्यप्रदेश सरकार को धन्यवाद देती हैं।

