किसानों को गेहूं के उपार्जन के लिए नए प्रावधान से मिलेगी सुविधा

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sadbhawnapaati
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इन्दौर।  न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों से इस वर्ष गेहूं का उपार्जन किया जाएगा। उपार्जन के लिए किसानों का दस मार्च तक पंजीयन कराना अनिवार्य है।
किसान खरीदी केन्द्र जाकर आवश्यक अभिलेख देकर अपना पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा किसान एप तथा कॉमन सर्विस सेंटर से भी उपार्जन के लिए पंजीयन की सुविधा दी गई है।
गेहूं उपार्जन के लिए कई नए प्रावधान इस वर्ष किए गए हैं। पंजीकृत किसान उपार्जन केन्द्र का स्वयं चयन करके दिन एवं समय का स्लॉट ऑनलाइन बुक करेंगे। इसी के आधार पर किसानों से गेहूं का उपार्जन किया जाएगा।
जिन खरीदी केन्द्रों में स्लॉट बुक नहीं होंगे वहाँ से किसानों को एसएमएस से खरीदी की सूचना दी जाएगी।

किसानों को गेहूं के उपार्जन के लिए नए प्रावधान से मिलेगी सुविधा

किसान गेहूं देने के बाद उपार्जन प्रभारी तथा किसान के बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर खरीदी का बिल जारी होगा। सत्यापन की व्यवस्था पंजीकृत मोबाइल में भेजे गए ओटीपी अथवा बायोमेट्रिक डिवाइस से की जाएगी।
वृद्ध एवं शारीरिक रूप से अक्षम किसान गेहूं बेचने के लिए किसी भी व्यक्ति को नामांकित कर सकते हैं। इस वर्ष सभी खरीदी केन्द्र में बायोमेट्रिक उपकरण अनिवार्य रूप से लगाए जा रहे हैं।
पंजीयन के समय किसानों से बैंक खाते की जानकारी नहीं ली जा रही है। उनसे बैंक में लिंक मोबाइल नम्बर तथा आधार संख्या की जानकारी दर्ज की जा रही है। आधार लिंक बैंक खाते में ही किसानों को उपार्जन के 48 से 72 घंटे के भीतर भुगतान किया जाएगा।
गेहूं का उपार्जन सहकारी समितियों तथा स्व सहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा। इन्हें खरीदी केन्द्र पर अनाज के साफ-सफाई तथा ग्रेडिंग की व्यवस्था आउटसोर्सिंग के आधार पर करनी होगी। अनाज को साफ करने का खर्च किसानों द्वारा वहन किया जाएगा।
इसलिए खरीदी के समय किसान अच्छी गुणवत्ता का साफ-सुथरा गेहूं लेकर खरीदी केन्द्र में आएं। शासन द्वारा निर्धारित एफएक्यू गेहूं की ही खरीद की जाएगी। अमानक गेहूं खरीदने वाले केन्द्र प्रभारियों तथा समितियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
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