सरकार ने 19 दवाओं की कीमत तय की तो कंपनियों ने बाकी कर दीं महंगी

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sadbhawnapaati
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भोपाल। केंद्र सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधीन काम करने वाले राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 18 फरवरी 2022 को गजट नोटिफिकेशन जारी कर 19 प्रकार की दवाओं का अधिकतम मूल्य तय कर दिया है।
इससे इनके दामों में 10 से 20 फीसदी तक की कमी आई है, लेकिन फार्मा कंपनियों ने शेष दवाओं (जिन्हें डाक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन के बिना भी लिया जा सकता है) के दामों में इतनी ही वृद्धि कर दी है।
जिन दवाओं के मूल्य निर्धारित किए हैं उनमें मधुमेह, बुखार, रक्तचाप (बीपी), दर्द, गैस, मांसपेशियों में ऐंठन की दवा शामिल हैं।

चूंकि अन्य बीमारियों की दवाओं की कीमत राष्ट्रीय एनपीपीए के नियंत्रण में नहीं हैं, इनकी कीमत तेजी से बढ़ रही है।

जिन दवाओं की कीमत बढ़ रही हैं, वे फंगसरोधी, दांत दर्द, आयरन टानिक, पाचन ठीक करने वाले एंजाइम टानिक, गर्मी में काम आने वाले एंटीबायोटिक व मौसमी बीमारियों के उपचार में काम आती हैं।
19 प्रकार की दवाओं की कीमत निर्धारण के बाद फार्मा कंपनियों ने शेष दवाओं के दामों में वृद्धि करके अपने नुकसान को कम करने का प्रयास तो किया ही है।
साथ ही वे एनपीपीए के आदेश में सेंध लगाने की कोशिश में जुट गई हैं। चूंकि दवाओं के मूल्य का निर्धारण ब्रांड से नहीं फार्मूले से किया जाता है।
इसलिए कंपनियां फार्मूले में किसी अन्य इंग्रीडिएंट (अवयव) जोड़-घटा या उनकी मात्रा को घटा-बढ़ाकर एनपीपीए की निर्धारित सूची से बाहर हो जाती हैं। फार्मूला बदल जाने पर वे कीमतें भी बढ़ा सकती हैं।
उदाहरण ऐसे समझिए, बुखार की दवा के फार्मूले में पैरासीटामोल, फेनिलेफ्राइन, कैफीन, डीफेनहाइड्रामाइन इंग्रीडिएंट शामिल किए जाते हैं। साथ ही इनकी मात्रा क्रमश: आइपी 500, 5, 30 और 25 मिलीग्राम तय है।
अगर दवा कंपनियां कोई इंग्रीडिएंट (न्यूमोसिलाइड) जोड़ दें तो यह फार्मूला एनपीपीए द्वारा तय 19 दवाओं की सूची से बाहर हो जाएगा। इसके बाद वे इसकी कीमत अपने हिसाब से तय कर सकती हैं।

फार्मा कंपनियों का खेल

दवा व्यवसाय से जुड़े लोग बताते हैं कि फार्मा कंपनियां एनपीपीए के आदेश के बाद मुनाफा कमाने के लिए अन्य तरीके भी अपना सकती हैं।
मसलन 19 दवाओं के फार्मूले की दवाओं का उत्पादन कम करके वे मार्केट में उसी फार्मूले में इंग्रीडिएंट और उनकी मात्रा को घटा-बढ़ाकर नये ब्रांड नेम से दवाएं मार्केट में उतार सकती हैं, ताकि ग्राहक को मजबूरी में ज्यादा दाम चुकाकर दवाएं खरीदना पड़े।
इन दवाओं के बढ़ गए दाम
आयरन टॉनिक, विटामिन टॉनिक, फंगस, दंत रोग, पेट का पाचन वाली दवा, एंजाइम टानिक, गर्मी में काम आने वाली एंटीबायोटिक दवाओं के फार्मूले की दवाओं के दाम बढ़ा दिए गए हैं।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।