खरगोन का बताकर तेलंगाना का वीडियो कैलाश विजयवर्गीय ने डाला, दिग्गी बोले- शिवराज-नरोत्तम केस क्यों न करें ?

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर भड़की हिंसा को लेकर सियासी घमासान थम नहीं रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बिहार का वीडियो खरगोन का बताकर ट्वीट किया था।
ट्रोल होने पर उसे डिलीट किया। इसके बाद भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें घेरा। उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने के केस कम से कम 5 जिलों में दर्ज हुए हैं।
अब भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ऐसा ही कुछ किया है। दिग्विजय सिंह ने पूछा कि आपके खास शुभचिंतक नरोत्तम मिश्रा और शिवराज सिहं चौहान आपके खिलाफ मुकदमा क्यों न करें?

विजयवर्गीय ने अपने ट्वीट के साथ लिखा कि ‘ये हैं खरगोन में चचाजान, दिग्विजय सिंह के शांतिदूत। पुलिस इन पर कार्यवाही न करे तो क्या करें?? आस्तीन के साँप कोई भी हों फन कुचलना जरूरी है।

‘ उनके इस ट्वीट के साथ एक वीडियो है, जिसमें एक मुस्लिम युवक कह रहा है कि ‘चार गाड़ियां हमारे एरिये में है। हम जरा कुछ करें तो तहलका मचा देते हैं यह लोग। इतना डर काफी है तुम्हारे लोगों के लिए। समझ गए न।’ 

कांग्रेस ने उठाए सवाल

इस वीडियो पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा कि ‘कैलाश जी आपने जो विडियो डाला है वह खरगोन का नहीं है। जिस भाषा का उपयोग आपने किया है, वह भड़काने वाली है।
क्यों ना शिवराज जी व नरोत्तम जी जो कि आपके ‘ख़ास’ शुभचिंतक हैं, आपके खिलाफ मुकदमा दायर करें? मैं नहीं करूंगा क्योंकि मैं जानता हूं, आपके आजकल ‘अच्छे दिन’ नहीं चल रहे हैं।
‘ उधर, कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने सवाल उठाया कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने यह वीडियो ट्वीट कर इसे खरगोन का बताया है… क्या यह वीडियो खरगोन का है? शायद नहीं?

यदि यह वीडियो वहां का नहीं है तो इस झूठे वीडियो के आधार पर इन पर भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए। यह सद्भाव बिगाड़ने का कृत्य है…’

पहले भी सामने आया है यह वीडियो

तेलंगाना के निजामाबाद में स्थित स्टार होटल के सामने बना यह वीडियो 2019 का है। जब हमने इस वीडियो के बारे में और जांच की तो पता चला कि इस वीडियो को बनाने वाले के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था।
पिछले कुछ समय में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामलों में यह वीडियो बार-बार सामने आ रहा है। यहां तक कि राजस्थान की करौली हिंसा के बाद भी यह वीडियो वायरल हुआ था। यूपी में भी कुछ समय पहले यह वीडियो चर्चा का विषय बना था।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।