सुपर फॉर्मूला कार रेसिंग चैंपियनशिप नोएडा में दौड़ेगी इंदौर की कार, कम बजट में स्टूडेंट्स ने बनायी

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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इंदौर. 22 अगस्त से नोएडा में होने जा रहे सुपर फॉर्मूला कार रेसिंग चेंपियनशिप में इंदौर के एक निजी कॉलेज की टीम का सिलेक्शन हो गया है. टीम की फॉर्मूला रेसिंग कार तैयार है. ये कार इंदौर में ही बनायी गयी है और इसमें खास टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. इससे एयर पॉल्यूशन नहीं होगा. इसके लिए इंजन में कैथेलेटिक कनवर्टर का इस्तेमाल किया गया है.

सुप्रा एसएई इंडिया-2022 कॉम्पटीशन, सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स और कई ऑटोमोबाइल कंपनी मिलकर कर रही हैं. नोएडा के बुद्धा इंटरनेशनल ट्रैक पर यह रेस होगी. इस कॉम्पिटिशन में देशभर की IIT और NIT को मिलाकर 110 से ज्यादा टीमें शामिल हो रही हैं. उसमें इंदौर के एक कॉलेज के स्टूडेंट्स की टीम की फॉर्मूला कार भी दौड़ती हुई नजर आएगी

कम बजट में फॉर्मूला कार

कार का वजन और बजट कम करने के लिए मैकेनिज्म से लेकर महत्वपूर्ण उपकरण तक कॉलेज में ही तैयार किए हैं. उसमें इस्तेमाल होने वाले अपराइड, हब, रोल केस और एक्जॉस्ट जैसे महत्वपूर्ण पार्ट्स कॉलेज लैब में ही तैयार किए हैं. कार तैयार करने के लिए 7 लाख रुपए का बजट बनाया था. लेकिन इसके पार्ट कॉलेज में ही तैयार किए गए इसलिए कार उससे भी कम सिर्फ 4.5 लाख रुपए में बन गयी. हालांकि, ट्रायल के बाद कार में कुछ बदलाव करना है, जिसके लिए फंड की दिक्कत आ रही है.

130 से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार

कार में केटीएम 390 इंजन लगाया गया है. इसकी मदद से कार को 130 से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार मिलेगी. कार में होसियर के टायर्स, रिम और व्हील वुड के मास्टर सिलेंडर को इंपोर्ट कर लगाया है. कार तैयार करने के लिए प्रोफेसर सचिन बलसारा, गिरीश ठकार और विनोद पारे ने स्टूडेंट्स को गाइड किया. सुप्रा रेस में शामिल होने के लिए फर्स्ट ईयर से लेकर फाइनल ईयर के कम्प्यूटर, इलेक्ट्रिक, प्रोडक्शन, आईटी, सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 25 स्टूडेंट ने कार तैयार की है. टीम में 6 लड़कियां भी शामिल हैं. यह टीम 22 अगस्त से 26 अगस्त तक कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने नोएडा जाएगी. वहां पर टीम प्रजेंटेशन, टेक्निकल इंस्पेक्शन, एक्सलरेशन टेस्ट, सीड-बेड और ऑटो क्रॉस टेस्ट के एंड्यूरेंस टेस्ट में कार दौड़ाई जाएगी.

कम बजट में इंदौर के इंजीनियरों ने मिलकर रेसिंग कार तैयार की है. स्टूडेंट्स उत्साह में हैं. उन्हें इंतजार है रेस का जिस दिन इनकी कार रेसिंग ट्रैक पर फर्राटे भरेगी.

इंदौर. 22 अगस्त से नोएडा में होने जा रहे सुपर फॉर्मूला कार रेसिंग चैंपियनशिप में इंदौर के एक निजी कॉलेज की टीम का सिलेक्शन हो गया है. टीम की फॉर्मूला रेसिंग कार तैयार है. ये कार इंदौर में ही बनायी गयी है और इसमें खास टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. इससे एयर पॉल्यूशन नहीं होगा. इसके लिए इंजन में कैथेलेटिक कनवर्टर का इस्तेमाल किया गया है.

सुप्रा एसएई इंडिया-2022 कॉम्पटीशन, सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स और कई ऑटोमोबाइल कंपनी मिलकर कर रही हैं. नोएडा के बुद्धा इंटरनेशनल ट्रैक पर यह रेस होगी. इस कॉम्पिटिशन में देशभर की IIT और NIT को मिलाकर 110 से ज्यादा टीमें शामिल हो रही हैं. उसमें इंदौर के एक कॉलेज के स्टूडेंट्स की टीम की फॉर्मूला कार भी दौड़ती हुई नजर आएगी

कम बजट में फॉर्मूला कार

कार का वजन और बजट कम करने के लिए मैकेनिज्म से लेकर महत्वपूर्ण उपकरण तक कॉलेज में ही तैयार किए हैं. उसमें इस्तेमाल होने वाले अपराइड, हब, रोल केस और एक्जॉस्ट जैसे महत्वपूर्ण पार्ट्स कॉलेज लैब में ही तैयार किए हैं. कार तैयार करने के लिए 7 लाख रुपए का बजट बनाया था. लेकिन इसके पार्ट कॉलेज में ही तैयार किए गए इसलिए कार उससे भी कम सिर्फ 4.5 लाख रुपए में बन गयी. हालांकि, ट्रायल के बाद कार में कुछ बदलाव करना है, जिसके लिए फंड की दिक्कत आ रही है.

130 से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार

कार में केटीएम 390 इंजन लगाया गया है. इसकी मदद से कार को 130 से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार मिलेगी. कार में होसियर के टायर्स, रिम और व्हील वुड के मास्टर सिलेंडर को इंपोर्ट कर लगाया है. कार तैयार करने के लिए प्रोफेसर सचिन बलसारा, गिरीश ठकार और विनोद पारे ने स्टूडेंट्स को गाइड किया. सुप्रा रेस में शामिल होने के लिए फर्स्ट ईयर से लेकर फाइनल ईयर के कम्प्यूटर, इलेक्ट्रिक, प्रोडक्शन, आईटी, सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 25 स्टूडेंट ने कार तैयार की है. टीम में 6 लड़कियां भी शामिल हैं. यह टीम 22 अगस्त से 26 अगस्त तक कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने नोएडा जाएगी. वहां पर टीम प्रजेंटेशन, टेक्निकल इंस्पेक्शन, एक्सलरेशन टेस्ट, सीड-बेड और ऑटो क्रॉस टेस्ट के एंड्यूरेंस टेस्ट में कार दौड़ाई जाएगी.

कम बजट में इंदौर के इंजीनियरों ने मिलकर रेसिंग कार तैयार की है. स्टूडेंट्स उत्साह में हैं. उन्हें इंतजार है रेस का जिस दिन इनकी कार रेसिंग ट्रैक पर फर्राटे भरेगी.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।