मप्र में कोयला संकट : प्रदेश के बिजली घरों में 3 से 15 दिनों का ही स्टॉक

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sadbhawnapaati
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बिजली संकट को देखते हुए पावर जनरेशन कंपनी में कोयले का स्टाक लगातार बढ़ाने पर काम किया जा रहा है लेकिन तेज गर्मी पडऩे के साथ ही लगातार बिजली की मांग बढऩे के कारण कोयले की रोजना की खपत में भी इजाफा होता जा रहा है। यही वजह है कि कोयले की नई खेप आने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
नियमानुसार पावर प्लांट में 26 दिन का कोयला का स्टॉक होना आवश्यक है लेकिन प्रदेश के बिजली घरों में 3 से 15 दिनों का ही स्टॉक उपलब्ध है। करीब 60 हजार टन कोयला की आवक प्रदेश में हो रही है लेकिन इसमें से करीब 50 से 55 हजार टन कोयला रोजान पॉवर प्लांट में खर्च हो रहा है।

नजर रखने निर्देश

सूत्रों के अनुसार प्रदेश में बिजली की सप्लाई बाधित न हो इसे लेकर प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने पिछले दिनों सभी बिजली कंपनियों के एमडी और डायरेक्टर से पावर सेक्टर के वर्तमान हालातों पर गहन मंथन किया।
उन्होंने बिजली की सप्लाई बाधित न हो और प्लांटों में कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके इसके लिए लगातार मॉनिटङ्क्षरग करने के दिशा- निर्देश दिए।
सतपुड़ा में नहीं हुई आपूर्ति
प्रदेश के चारों थर्मल पावर प्लांटों में से तीन पावर प्लांटों में कोयले की आपूर्ति रैकों के माध्यम से हुई है । सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट सारणी में रैक से कोयला नहीं पहुंचा है ।
जिन पावर प्लांट में कोयले की रैक आई है उनमें अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 50 , संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट बिरङ्क्षसहपुर में 179 और श्रीङ्क्षसगाजी थर्मल पावर प्लांट खंडवा में 291 वैगन शामिल है। 2.4 लाख टन उपलब्ध कोयले में करीब 90 लाख मीट््िक टन कोयले की प्रतिदिन खपत हो रही है।
स्टॉक की ताजा स्थिति
जानकारों के अनुसार रविवार की स्थिति में अमरकंटक ताप विद्युत ग्रह चचाई में 15 दिन , सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट सारणी में 5 दिन, श्रीङ्क्षसगाजी थर्मल पावर प्लांट खंडवा में 3 दिन और संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट बिरङ्क्षसहपुर में 2 दिन का कोयला स्टॉक है।
मध्यप्रदेश पावर जनरेङ्क्षटग कंपनी कोयला स्टॉक पर नजर रखे हुए है। कोल इंडिया के अधिकारियों से संपर्क करके ज्यादा से ज्यादा कोयले की रैके भेजने के संबंध में चर्चा की जा रही है।
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