कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने भारतीय संविधान के अपमान करने का आरोप लगने के बाद कहा कि मैंने कोई संविधान का अपमान नहीं किया। भजन के माध्यम से भारत देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए संविधान में समय की अनुकूलता अनुसार बदलाव की बातें कही।
पंडित मिश्रा ने कहा हमारे बाबा साहब आंबेडकर ने भी संविधान के अंतर्गत वर्णन किया है कि समय की अनुकूलता में ऐसा लगता है तो थोड़ा बदलाव हो सकता है। भजन में ऐसा कुछ नहीं, जो माफी मांगना पड़े, भजन में केवल एक भाव कहा गया है, किसी भी तरह के संविधान को अपशब्द नहीं कहे गए। अगर भजन में कुछ गलत हो तो मैं माफी मांग सकता हूं। पंडित प्रदीप मिश्रा रविवार रात को मां नर्मदा की महाआरती करने नर्मदा घाट आए थे। मीडिया से उन्हाेंने भजन के जरिए संविधान में बदलाव करने वाले भाव को स्पष्ट किया।
कथा में भजन के जरिए रखी मांग
नर्मदापुरम में 3 मई से 9 मई तक शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। यहां पंडित प्रदीप मिश्रा लोगों को भगवान शिव की महिमा के बारे में बता रहे हैं। 7 मई को उन्होंने भजन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया और सरकार से भी हिंदू राष्ट्र बनाने की अपील की है। पंडित मिश्रा ने कथा के दौरान जो भजन गाया, उसके बोल कुछ यूं हैं…
सोने की चिड़िया को अब सोने का शेर बनाना है।
सोने की चिड़िया को अब सोने का शेर बनाना है।।
संविधान को बदलो… हमको हिंदू राष्ट्र बनाना है।
संविधान को बदलो… हमको हिंदू राष्ट्र बनाना है।।
जय हो हिंदुस्तान… मेरे प्यारे हिंदुस्तान।
जय हो हिंदुस्तान… मेरे प्यारे हिंदुस्तान।।
शिवमहापुराण का 9 मई सोमवार को समापन होगा। कथा के दौरान हजारों भक्त पंडित मिश्रा से भगवान शंकर की महिमा सुनने के लिए आ रहे हैं।
दलित संगठन पुतला दहन की दे चुका है चेतावनी
दलित संगठन में आक्रोश है। दलित समाज के नेता डॉ. मिथुन नारावाले 14 मई को आष्टा में दलित समाज द्वारा पं. मिश्रा का बहिष्कार कर पुतला दहन करने की बात कह चुके हैं। संजय आंबेडकर ने दो दिन पहले कहा कि पंडित मिश्रा ने भारतीय संविधान का अपमान किया है। यह देशद्रोह का मामला है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि पंडित मिश्रा ने 24 घंटे में माफी नहीं मांगी तो उनका पुतला दहन किया जाएगा।

 
			 
				 
			 
                                
                             
 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		