भोपाल- इंदौर फिर कोरोना हॉटस्पॉट

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sadbhawnapaati
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प्रदेश में 15 दिन में 567 संक्रमित; संभले नहीं तो हो सकता है बेकाबू
जनवरी में आई कोरोना की तीसरी लहर के बाद मरीज भले ही कम हो गए हों, लेकिन संक्रमण अभी भी अपना असर दिखा रहा है। प्रदेश में पिछले तीन दिन से लगातार 40 से ज्यादा नए मरीज मिल रहे हैं। दो हफ्तों के आंकड़ों को देखें तो 567 नए संक्रमित मरीज बढ़े हैं। प्रदेश में 248 एक्टिव केस हैं। इनमें सबसे ज्यादा 58 एक्टिव केस इंदौर में हैं। भोपाल में 51, रायसेन में 28, होशंगाबाद में 13, गुना में 11, उज्जैन में 9, ग्वालियर-जबलपुर में 8, मुरैना में 7, बैतूल में 6, मंडला-सीहोर में 5-5, डिंडौरी-कटनी में 4-4, दतिया, बालाघाट, हरदा, निवाड़ी, राजगढ़, शिवपुरी में तीन-तीन, आगर, धार, खरगोन, नरसिंहपुर, नीमच में दो-दो और बुरहानपुर, छतरपुर और सागर में एक-एक एक्टिव केस हैं।
टीकाकरण के बाद से कोरोना के गंभीर संक्रमण का असर कम हो रहा है। यही वजह है कि तीसरी लहर के दौरान कम मौतें हुईं। पिछले तीन महीनों में सिर्फ 3 मौतें हुई हैं। 19 मार्च को 57 वर्षीय अंसार की मंदसौर जिला अस्पताल में मौत हुई थी। 23 अप्रैल को जबलपुर की 77 वर्षीय गुलाब बाई की जबलपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हुई। ठीक एक महीने बाद 23 मई को इंदौर के 80 साल के सौभाग्य सीपी की मौत दर्ज की गई हालांकि वे दूसरे राज्य के अस्पताल में भर्ती थे। दो दिन पहले जबलपुर के दौलत रामचंदानी की जबलपुर जिला अस्पताल में कोरोना से मौत हुई है। हालांकि सवा तीन महीने से भोपाल में कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है। 22 फरवरी को एम्स भोपाल में 77 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद की 17 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद मौत हो गई थी।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।