सरपंच चुनाव : प्रशासन की क्षमताओं पर उठा सवाल..? 

sadbhawnapaati
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संगीन धाराओं का अपराधी चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंककर सरपंच के चुनाव में ले रहा भाग 
  • क्या इस प्रकार से मुरैना प्रशासन निष्पक्ष चुनाव करा पाएगा, यह मुरैना प्रशासन की क्षमताओं पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है..?
  • भारतीय संविधान की गंभीर धाराओं में लिप्त आरोपी घूम रहे हैं खुलेआम, दे रहे हैं मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग को खुली चुनौती..?
  • आतंक का पर्याय रहा मुरैना क्या पुनः पुनरावृति दोहरा रहा है? गंभीर आरोपी खुलेआम ही नहीं घूम रहे बल्कि चुनाव प्रक्रिया में भाग भी ले रहे हैं।
  • इस दहशत की वजह से आसपास की सभी पंचायतों पर गंभीर परिणाम देखने को नजर आ सकते हैं।
  • बागचीनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम अरेहला में संगीन धाराओं का अपराधी सामंत सिंह सिकरवार पुलिस प्रशासन के साथ घूमता नजर आ रहा है, वहीँ खुलेआम असत्य शपथ-पत्र देकर मध्य प्रदेश चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंक कर सरपंच के चुनाव में अपना निर्वाचन पत्र दाखिल कर निष्पक्ष होने वाली चुनाव प्रक्रिया को आंखें व ठेंगा दिखा रहा है।
  • क्षेत्रवासियों ने इसकी शिकायत डीजीपी, मुख्य निर्वाचन आयोग मध्यप्रदेश, आईजी चंबल संभाग, जिला अधिकारी मुरैना से की है।
  • क्या मुरैना एसपी इस तरह के गंभीर अपराधों के अपराधियों पर अपना शिकंजा कस पाएंगे..? अपराधियों को उनकी असली जगह जेल में डालने का काम कर पाएंगे..? या राजनीतिक दबाव में आकर मूकदर्शक बने यह प्रश्न चिन्ह खड़ा होता ह।
मुरैना में पंचायत चुनाव के चलते पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी के निर्देशानुसार प्रत्येक थाना प्रभारियों को यह निर्देशित किया गया है कि ग्रामीणों की बैठक लेकर उन्हें समझाइश दी जाये कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो। इसके लिये अपराधों में लिप्त आरोपियों और अपराधियों के विरुद्ध धरपकड़ अभियान भी पुलिस द्वारा चलाया जा रहा है। लेकिन विगत दिवस एक अजीबोगरीब मामला सामने आया जहां पुलिस जब ग्रामीणों की बैठक ले रही थी तो उक्त बैठक में एक नामजद आरोपी भी सम्मिलित था।
जानकारी के अनुसार विगत दिवस एसडीओपी, एसडीएम व बागचीनी थाना प्रभारी पंचायत चुनाव के चलते ग्रामीणों की बैठक ले रहे थे। लेकिन उक्त बैठक में एक आरोपी भी शामिल था जो अरेहला पंचायत में हुए विवाद में नामजद है। उक्त आरोपी का पुलिस की बैठक में होना बड़ा सवाल है..? क्योंकि पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार उक्त बैठकें चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने और अपराधियों व आरोपियों की धरपकड़ हेतु ली जा रही हैं। लेकिन जब खुद आरोपी ही अधिकारियों के पास बैठकर बैठक में सम्मिलित हो रहे हैं तो ऐसे में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कैसे हो सकता है…? यह बात सबके सामने एक चिंता का विषय बनी हुई है कि पुलिस ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है जिनपर गंभीर धाराएं तथा अन्य गंभीर अपराध  दर्ज हैं। वहीं ऐसे आरोपियों को पुलिस साथ में बैठाकर चाय पानी नाश्ता करा रही है। ऐसी स्थिति में सवाल यह उठता है कि कैसे निष्पक्ष चुनाव होंगे? यह बात आमजन में चर्चा का विषय बनी हुई है जब पुलिस ‘पंचायत चुनाव निष्पक्ष हों’ इसके लिए गांव-गांव, पंचायत-पंचायत में जाकर जनता को जागरूक करने के लिए बैठक कर रही है।
चुनावी बैठक में आरोपियों की उपस्थिति प्रशासन की क्षमताओं पर बड़ा सवाल
ग्राम पंचायत अरहेला और अन्य पंचायतों में पुलिस द्वारा बुलाई गई बैठकों में पुलिस के सामने ऐसे अपराधी भाग ले रहे है जिनपर धारा 307 तथा अन्य गंभीर अपराध दर्ज है और पुलिस मूकदर्शक बनी बैठी हुई है। एक तरफ जहां पुलिस पंचायती चुनाव निष्पक्ष कराने का ढिंढोरा पीटती है वहीं दूसरी और अपराधियों को साथ में बैठा कर मीटिंग और चाय पानी, नाश्ता कर रही है। जनता ऐसे गंभीर अपराधियों से भयंकर डरी हुई है। अब यह बात सबके सामने एक चिंता का विषय है कि क्या बागचीनी पुलिस ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। ऐसी स्थिति में पंचायत चुनाव की बैठक में ऐसे अत्यंत गंभीर अपराधियों की उपस्थिति प्रशासन की क्षमताओं पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
प्रत्याशी सामंत सिंह सिकरवार के विरुद्ध झूठा हलफनामा प्रस्तुत करने की शिकायत
 
ग्राम पंचायत अर्हेला, तहसील जौरा में सरपंच पद हेतु प्रत्याशी सामंत सिंह सिकरवार के विरुद्ध पूर्व सरपंच शांति देवी ने रिटर्निंग ऑफिसर, ज़िला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष एक शिकायत प्रस्तुत की जिसमें आरोप है कि सामंत सिंह के द्वारा नामांकन पत्र में चुनाव आयोग के समक्ष असत्य हलफनामा पेश किया गया है। सामंत सिंह सिकरवार और उनके साथियों पर दिनांक 09.05.2022 की मध्यरात्रि ग्राम अर्हेला में हुई फायरिंग, मारपीट पर पुलिस थाना बागचिनी द्वारा अपराध गंभीर ग़ैरजमानतीय धाराओं में पंजीबद्ध किया गया था, जिसमें सामंत सिंह फरार है जिसे किसी भी न्यायालय द्वारा जमानत का लाभ नहीं दिया गया है। परंतु निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए सामंत सिंह ने अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारियों को छिपा कर अपना निर्वाचन पत्र प्रस्तुत किया है। मध्यप्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम, 1995 के नियम 31 (क) के अनुसार सरपंच पद प्रत्याशी को अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी निर्वाचन के समय शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करना जरूरी है। 

बता दें कि झूठा हलफनामा देने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 ए और आईपीसी की धारा 193, 199 के तहत मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान है।
बागचीनी पुलिस कैसे कराएगी निष्पक्ष पंचायती चुनाव…?

 
पिछले दिन देखा गया कि अत्यंत गंभीर अपराधों में नामजद आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जब आरोपी ग्राम पंचायत अरहेला और अन्य पंचायतों में पुलिस द्वारा बुलाई गई बैठकों में पुलिस के सामने भाग ले रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनकर कर बैठी हुई है। जनता जनार्दन इस तरह के गंभीर 7 आरोपियों से भयंकर डरी हुई है। अब सवाल यह उठता है कि इस तरह किस प्रकार से चुनाव निष्पक्ष रूप से बागचीनी पुलिस करा पाएगी। जौरा क्षेत्र की जनता ने चुनाव आयोग तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से ऐसे अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भिजवाने की उम्मीद जताई है जिससे कि पंचायती चुनाव निष्पक्ष रूप से बिना किसी भय के कराए जा सकें।
 
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी..??
मामला मेरे संज्ञान में है जिनकी जांच चल रही है। चूंकि हम आरोपियों को चेहरे नहीं पहचानते। अगर पंचायत चुनाव के चलते की गई बैठक में उक्त आरोपी सम्मिलित था तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जायेगी। हालांकि मामले की जांच सीएसपी साहब कर रहे हैं, यदि कुछ संदिग्ध पाया जाता है तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
– जितेंद्र गुर्जर, थाना प्रभारी बागचीनी
एसपी आशुतोष बागरी से संपर्क करने की कोशिश की गई किन्तु उनके द्वारा फ़ोन नहीं उठाया गया।
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