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MP News in Hindi-1मप्र के बॉक्सर हिमांशु श्रीवास ने खेलो इंडिया में जीता स्वर्ण पदकMP News in Hindi-2अब फ्री में बसों से स्कूल जाएंगे बच्चे – स्कूलों के लिए प्रवेश नीति जल्द होगी जारीMP News in Hindi-3मप्र में लागू नहीं है फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्टMP News in Hindi-4राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए 20 जून तक आवेदन किए जा सकेंगे
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मप्र के बॉक्सर हिमांशु श्रीवास ने खेलो इंडिया में जीता स्वर्ण पदक
मध्य प्रदेश बाक्सिंग अकादमी के होनहार खिलाड़ी हिमांशु श्रीवास ने हरियाणा के पंचकूला में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। हिमांशु ने फाइनल में विजय कुमार को 5-0 से पराजित किया। इस तरह मप्र ने इस प्रतियोगिता में एक स्वर्ण और चार कांस्य सहित कुल पांच पदक जीते।
उल्लेखनीय है कि खेलों इंडिया यूथ गेम्स में मप्र बाक्सिंग अकादमी के पांच बाक्सर सेमीफाइनल में पहुंचे थे। इसमें हिमांशु श्रीवास ही अपने सफर को आगे बढ़ाने में सफल रहा। हिमांशु ने 57 किग्रा किग्रा वर्ग में शानदार जीत के साथ फाइनल में अपना स्थान पक्का किया था। वहीं आनंद यादव ने 54 किग्रा भार वर्ग में, विकास कुमार ने 67 किग्रा भार वर्ग में, मोहित 67 किग्रा भार वर्ग में तथा महिला वर्ग के 60 किग्रा भार वर्ग में लक्षिता शर्मा में कांस्य पदक जीता। मप्र राज्य बाक्सिंग अकादमी के मुख्य कोच रोशन लाल और कोच नेहा कश्यप भी टीम के साथ गए हुए है।
उल्लेखनीय है कि खेलों इंडिया यूथ गेम्स में मप्र बाक्सिंग अकादमी के पांच बाक्सर सेमीफाइनल में पहुंचे थे। इसमें हिमांशु श्रीवास ही अपने सफर को आगे बढ़ाने में सफल रहा। हिमांशु ने 57 किग्रा किग्रा वर्ग में शानदार जीत के साथ फाइनल में अपना स्थान पक्का किया था। वहीं आनंद यादव ने 54 किग्रा भार वर्ग में, विकास कुमार ने 67 किग्रा भार वर्ग में, मोहित 67 किग्रा भार वर्ग में तथा महिला वर्ग के 60 किग्रा भार वर्ग में लक्षिता शर्मा में कांस्य पदक जीता। मप्र राज्य बाक्सिंग अकादमी के मुख्य कोच रोशन लाल और कोच नेहा कश्यप भी टीम के साथ गए हुए है।
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अब फ्री में बसों से स्कूल जाएंगे बच्चे – स्कूलों के लिए प्रवेश नीति जल्द होगी जारी
जरूरतमंद बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए प्रदेश सरकार ने भोपाल सहित प्रदेशभर में सीएम राइज स्कूल खोले हैं। इन स्कूलों में अब 17 जून से प्रवेश शुरू होंगे और 30 जून को लॉटरी के माध्यम से एडमिशन दिए जाएंगे। इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को लाने और ले जाने के लिए बसों की नि:शुल्क व्यवस्था रहेगी। यह बसें बच्चों को घर से लेकर जाएंगी और घरों पर ही छोड़ेंगी। बच्चों के लिए यह व्यवस्था जुलाई माह से शुरू होने जा रही है। इसके टेण्डर भी लगा दिए गए हैं।
एडीपीसी व सीएम राइज प्रभारी अशोक दीक्षित ने बताया कि सीएम राइज स्कूल में बच्चों को प्री-प्रायमरी व हायर सेकंडरी स्तर तक सीबीएसई और आईसीएसई जैसी सुविधाएं मिलेंगी। स्कूल के बच्चों को प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाएगा जिनकी विद्यालयों में नियुक्ति हो चुकी है। बता दें कि शासन द्वारा हर जिले में 15 किलोमीटर के दायरे में सर्वसुविधायुक्त विद्यालय बनाने के लिए सीएम राइज योजना लॉन्च की गई थी। जिसके पहले चरण में प्रदेश के 350 विद्यालयों का विकास करने के लिए 1500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
एडीपीसी व सीएम राइज प्रभारी अशोक दीक्षित ने बताया कि सीएम राइज स्कूल में बच्चों को प्री-प्रायमरी व हायर सेकंडरी स्तर तक सीबीएसई और आईसीएसई जैसी सुविधाएं मिलेंगी। स्कूल के बच्चों को प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाएगा जिनकी विद्यालयों में नियुक्ति हो चुकी है। बता दें कि शासन द्वारा हर जिले में 15 किलोमीटर के दायरे में सर्वसुविधायुक्त विद्यालय बनाने के लिए सीएम राइज योजना लॉन्च की गई थी। जिसके पहले चरण में प्रदेश के 350 विद्यालयों का विकास करने के लिए 1500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
प्रवेश नीति शीघ्र ही जारी की जाएगी
सीएम राइज स्कूलों में प्रवेश नीति को लेकर सोमवार को शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शर्मा ने वेबिनार के माध्यम से प्रदेश के सभी सीएम राइज स्कूल प्राचार्य, शिक्षकों की बैठक ली। जिसमें बताया गया कि सीएम राइज स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रवेश नीति शीघ्र ही जारी की जाएगी। वहीं जिन स्कूलों में छात्र संख्या अधिक है वहां इस सत्र में नए एडमिशन नहीं होंगे। केवल प्रारंभिक कक्षा में कुछ एडमिशन दिए जाएंगे और अधिक आवेदन आने पर लॉटरी का चयन किया जाएगा। इस दौरान सभी सीएम राइज स्कूल में चयनित शिक्षक ही अध्यापन कार्य कराएंगे और सह अकादमिक स्टॉफ की नियुक्ति भी सत्र प्रारंभ से पूर्व कर दी जाएगी। जबकि सभी स्कूलों में प्राचार्यों की नियुक्ति पहले ही हो चुकी हैं और जिन स्कूलों में रह गई है वहां जल्द ही कर दी जाएगी। इसके साथ ही जुलाई माह से सभी छात्रों को नि:शुल्क बस सेवा उपलब्ध रहेगी।
सीएम राइज में यह मिलेंगी सुविधाएं
स्मार्ट क्लास रूम की व्यवस्था, नर्सरी से हायर सेकंडरी तक पढ़ाई, अंग्रेजी के साथ हिन्दी माध्यम, पुस्तकालय की सुविधा, नया प्रशिक्षित स्टाफ, खेल मैदान सहित अन्य सुविधाएं, परिवहन, खेलकूद, संगीत, तैराकी, बस सुविधा से लेकर अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। सीएम राइज विद्यालय में प्राचार्य व कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रकिया भी अलग तरह की होगी।
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मप्र में लागू नहीं है फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट
-एक्ट को लागू करवाने अवमानना याचिका दायर करने की तैयारी
-देश के लगभग 26 राज्यों में लागू है फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट
-देश के लगभग 26 राज्यों में लागू है फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से अभिवचन दिया गया था कि फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट शीघ्र लागू किया जाएगा। इसे लेकर यदि शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाया गया तो अवमानना याचिका दायर कर दी जाएगी। यह कहना है जनहित याचिकाकर्ता का। उनके वकील ने भी साफ किया कि हम इस मामले में कोई कोताही नहीं बरतेंगे। व्यापक जनहित के मुद्दे को आश्वासन के नाम पर दरकिनार किए जाने का हर संभव विरोध किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से आश्वासन व प्रमुख सचिव का शपथ पत्र प्रस्तुत कर कहा था कि सरकार मध्य प्रदेश फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट को लागू करने के संबंध में शीघ्र ही निर्णय लेगी। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने सरकार के उक्त आश्वासन के पश्चात इस सम्बंध में दायर जनहित याचिका का निराकरण कर दिया था। जबलपुर निवासी राम भजन उर्फ नीलू कुशवाहा ने यह जनहित याचिका दायर की थी। अधिवक्ता मनोज कुशवाहा व कौशलेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया था कि देश के लगभग 26 राज्यों में फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट लागू है। किंतु मध्यप्रदेश में यह एक्ट लागू नहीं है। जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में यह एक्ट लागू है।
प्रदेश में अन्य राज्यों की अपेक्षा अग्नि की दुर्घटनाएं बहुत ज्यादा संख्या में हो रही है। इस संबंध में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पिछले 10 सालों में एकत्र किए गए रिकॉर्ड को भी प्रस्तुत किया गया। तर्क दिया गया कि प्रदेश में जगह-जगह पंडाल लगाकर आयोजन किए जाते हैं, जिसमें फायर सेफ्टी से संबंधित कोई भी उपाय नहीं किए जाते। साथ ही प्रदेश के अस्पताल, सरकारी, गैर सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज इत्यादि जगहों पर भी फायर सेफ्टी के संबंध में उचित उपाय नहीं किए गए हैं। केंद्र सरकार ने 16 सितंबर 2019 को सभी राज्य सरकारों को फायर एवं इमरजेंसी सर्विस एक्ट लागू करने के लिए कहा था, किंतु मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। सुनवाई के दौरान कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने अपने जवाब में बताया कि जल्द ही यह एक्ट लागू किया जाएगा। इसे रिकार्ड पर लेकर कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से आश्वासन व प्रमुख सचिव का शपथ पत्र प्रस्तुत कर कहा था कि सरकार मध्य प्रदेश फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट को लागू करने के संबंध में शीघ्र ही निर्णय लेगी। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने सरकार के उक्त आश्वासन के पश्चात इस सम्बंध में दायर जनहित याचिका का निराकरण कर दिया था। जबलपुर निवासी राम भजन उर्फ नीलू कुशवाहा ने यह जनहित याचिका दायर की थी। अधिवक्ता मनोज कुशवाहा व कौशलेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया था कि देश के लगभग 26 राज्यों में फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट लागू है। किंतु मध्यप्रदेश में यह एक्ट लागू नहीं है। जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में यह एक्ट लागू है।
प्रदेश में अन्य राज्यों की अपेक्षा अग्नि की दुर्घटनाएं बहुत ज्यादा संख्या में हो रही है। इस संबंध में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पिछले 10 सालों में एकत्र किए गए रिकॉर्ड को भी प्रस्तुत किया गया। तर्क दिया गया कि प्रदेश में जगह-जगह पंडाल लगाकर आयोजन किए जाते हैं, जिसमें फायर सेफ्टी से संबंधित कोई भी उपाय नहीं किए जाते। साथ ही प्रदेश के अस्पताल, सरकारी, गैर सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज इत्यादि जगहों पर भी फायर सेफ्टी के संबंध में उचित उपाय नहीं किए गए हैं। केंद्र सरकार ने 16 सितंबर 2019 को सभी राज्य सरकारों को फायर एवं इमरजेंसी सर्विस एक्ट लागू करने के लिए कहा था, किंतु मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। सुनवाई के दौरान कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने अपने जवाब में बताया कि जल्द ही यह एक्ट लागू किया जाएगा। इसे रिकार्ड पर लेकर कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी थी।
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राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए 20 जून तक आवेदन किए जा सकेंगे
भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली एवं म.प्र. लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देशानुसार राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिए मंत्रालय की वेबसाईट http:// nationalwardstoteachers. education.gov.in पर 20 जून तक शिक्षकों से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी लोक शिक्षण संचालनालय से प्राप्त ऑनलाइन ओवदन एवं नामांकन की प्रक्रिया एवं चयन के मापदण्ड संबंधित पत्र जिले के जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त एवं समस्त विकासखण्ड अंतर्गत शिक्षकों की अवगत कराने के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। जिन शिक्षकों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिए ऑनलाईन आवेदन किया जाएगा। उन शिक्षकों द्वारा ऑनलाईन किए गए आवेदन की प्रिंट सह दस्तावेजों सहित एक सेट एवं अपनी पांच वर्ष की गोपनीय चरित्रावली (सीआर) सहित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 21 जून तक प्रस्तुत करनी होगी।
जिला शिक्षा अधिकारी लोक शिक्षण संचालनालय से प्राप्त ऑनलाइन ओवदन एवं नामांकन की प्रक्रिया एवं चयन के मापदण्ड संबंधित पत्र जिले के जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त एवं समस्त विकासखण्ड अंतर्गत शिक्षकों की अवगत कराने के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। जिन शिक्षकों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिए ऑनलाईन आवेदन किया जाएगा। उन शिक्षकों द्वारा ऑनलाईन किए गए आवेदन की प्रिंट सह दस्तावेजों सहित एक सेट एवं अपनी पांच वर्ष की गोपनीय चरित्रावली (सीआर) सहित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 21 जून तक प्रस्तुत करनी होगी।