खलघाट बस हादसा: कुल यात्रियों की संख्या की पुख्ता जानकारी नहीं, नदी से अब तक 12 शव बरामद, अन्य के शव लापता

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इंदौर। खरगोन और धार जिले की सीमा पर स्थित खलघाट में दर्दनाक बस हादसा हो गया था, जिसमें अब तक 12 लोग अपनी जान गवा चुके हैं।

तेज रफ्तार और गलत तरीके से ओवरटेक करने के चक्कर में बस नर्मदा नदी में जा गिरी थी, जिसके चलते बस पूरी तरह से चकनाचूर हो गई, तो वहीं इसके बाद बस पानी में समा गई थी।

बस में कितने यात्री मौजूद थे, फिलहाल इसको लेकर कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो बस में 15 से 17 यात्री सवार थे, जिनमें से 12 लोगों के शव नर्मदा नदी से निकाले जा चुके हैं, तो वहीं अन्य लापता लोगों के शव को ढूंढा जा रहा है।

सरवटे बस स्टैंड से रवाना हुई थी बस
प्रतिदिन इंदौर से महाराष्ट्र जाने वाली महाराष्ट्र परिवहन निगम की यह बस इंदौर के सरवटे बस स्टैंड से महाराष्ट्र के लिए रवाना हुई थी।

बस स्टैंड प्रभारी और अन्य बस चालकों की मानें तो तब तक बस में कुल 12 से 13 सवारियां सवार थी। इसके बाद बस में रास्ते से और भी यात्रियों के सवार होने की जानकारी सामने आई है।

उधर, बस में कंडक्टर के पास मौजूद एटीआईएम के जरिए 9 यात्रियों के टिकट कटने की जानकारी मिल रही है यही कारण है, यही कारण है कि, बस में कुल कितने यात्री सवार थे, इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पा रही।

हादसों पर लगाम लगाना जरूरी
मध्य प्रदेश में लगातार बस हादसे हो रहे हैं, जिन पर अब लगाम लगाना बेहद जरूरी है, लगातार हो रहे इन हादसों में कई लोग अपनी जान गवा चुके हैं।

अक्सर तेज रफ्तार और गलत तरीके से ओवरटेक करना इन हादसों की बड़ी वजह बनती है, लेकिन बावजूद इसके अब तक इन हादसों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे।

बहरहाल, अब देखना होगा कि, इस तरह के हादसों में जान गंवाने वाले लोगों को आखिर कब तक न्याय मिल पाता है, और आखिर कब तक इस तरह के हादसों पर लगाम लग पाती है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।