इंदौर के लिए गौरव के क्षण : भारत के नक्शे के आकार की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाकर बनाया विश्व रिकॉर्ड, रचा कीर्तिमान

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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इंदौर। इंदौर शहर ने शनिवार को भारत के नक्शे के आकार की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाकर एक विश्व रिकॉर्ड कायम किया। देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बनाई गई इस विशाल मानव श्रृंखला के आयोजन को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।
कार्यक्रम का आयोजन दिव्य शक्तिपीठ में एक सामाजिक संस्था ‘ज्वाला’ द्वारा किया गया था। करीब 5 हजार से अधिक स्कूली छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य लोगों ने एक साथ मिल कर नक्शा बनाया था।
संस्था ज्वाला की संस्थापक डॉ. दिव्या गुप्ता ने कहा कि इस प्रयास के माध्यम से मानव श्रृंखला को भौगोलिक आकार में बनाने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ नया विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया। हमने भारत के नक्शे पर एक मानव श्रृंखला बनाई थी, और न केवल सीमा पर बल्कि उसके अंदर भी।
पहले देश के नक्शे की सीमा रेखा पर एक मानव श्रृंखला बनाई गई थी, लेकिन हमने तिरंगा झंडा और अशोक चक्र बनाकर लोगों को अंदर इकट्ठा किया। इस आयोजन में कुल 5,335 लोगों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा, देवी शक्ति को देश की महिलाओं के महत्व और ताकत को दिखाने के लिए भारत के नक्शे की सीमा पर बनाया गया था।
बता दें, इस साल 15 अगस्त को यानी आज, भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मनाएगा और इस दिन को मनाने के लिए कई कार्यक्रम और पहल की जा रही हैं। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत तिरंगा को घर लाने और ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का हिस्सा बनने के उत्साह के साथ ही देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए केंद्र सरकार और देशवासियों द्वारा मनाया जा रहा है।
आज़ादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च, 2021 को शुरू हुई थी, जिसने हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती शुरू की।
इस कार्यक्रम में हर जगह भारतीयों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करने की परिकल्पना की गई है। कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय ध्वज के साथ संबंध को औपचारिक या संस्थागत रखने के बजाय अधिक व्यक्तिगत बनाना है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।