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आईएस (इस्लामिक संगठन) का खतरा

 लेखक-सिद्धार्थ शंकर


रूसी सुरक्षा एजेंसी ने आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक संगठन) के एक आत्मघाती हमलावर को पकड़ा है। वह भारत में आत्मघाती हमले की फिराक में था। एफएसबी के अधिकारियों ने बताया कि यह फिदायीन मध्य एशिया के एक देश का मूल निवासी है। पूछताछ में इस आतंकी ने कबूला है कि उसने भारत के एक शीर्ष नेता को निशाना बनाने की साजिश रची थी। उसने यह भी बताया कि आईएस भारत में हमले की साजिश रच रहा है। वह अप्रैल से जून तक तुर्की में था और उसने वहां आतंकवाद की ट्रेनिंग ली थी। उसे पहले रूस भेजा गया और वहां से भारत भेजने की तैयारी थी। रूसी सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि इस आतंकी ने भारत के सत्तारूढ़ दल (भाजपा) के एक नेता की हत्या के लिए खुद को विस्फोटक से उड़ाने की योजना बनाई थी। उसे आईएस के एक शीर्ष नेता ने सुसाइड बॉमर के रूप में तुर्की में अपने संगठन में भर्ती किया था। हाल ही में भारत की खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि पाकिस्तीनी खुफिया एजेंसी ने चंडीगढ़ और मोहाली में आतंकी हमले की साजिश रची है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी आतंकी संगठन टीआरएफ द्वारा आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया है। इस्लामिक स्टेट और उसके समर्थक सभी संगठनों व सहयोगियों को केंद्र सरकार ने भारत में प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। आईएस को गैर कानूनी गतिविधि निवारक कानून की धारा 1967 की प्रथम अनसूची के तहत प्रतिबंधित किया गया है। गृह मंत्रालय के अनुसार आईएस इंटरनेट आधारित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के जरिए अपनी विचारधारा का प्रचार प्रसार कर रहा है। इसलिए सुरक्षा एजेंसियां इन पर लगातार नजर रख रही है। आईएसआईएस प्रेरित आतंकी संगठन भारत के लिए बड़ा खतरा बन रहे हैं। कट्टरपंथ की आग सुलगाकर अलकायदा और आईएस गठजोड़ से भारत के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी हमलों की योजना बनाई गई है। एजेंसियों का मानना है कि अब तक जितने भी मामले पकड़ में आए हैं उनमें एक बात साझा है कि सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथ का जहर फैलाकर युवाओं को अलकायदा और आईएस प्रेरित संगठनों से जोड़ा जा रहा है। अलकायदा और आईएस नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है। पश्चिम बंगाल, केरल और कश्मीर में इनके सबसे ज्यादा स्लीपर सेल हैं। यूपी, बिहार और हरियाणा में भी इनके नेटवर्क की सूचना एजेंसियों के पास है। आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, यूपी, मध्यप्रदेश, जम्मू कश्मीर के अलावा हरियाणा के मेवात इलाके में स्लीपर सेल मौजूद हैं। कहीं पर अलकायदा है तो कहीं आईएस प्रेरित आतंकी संगठन की मौजूदगी है। एजेंसियों के मुताबिक इनकी जड़ में उग्र कट्टरपंथ है। आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र ने दो महीने पहले एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें आगाह किया गया था कि केरल और कर्नाटक में बड़ी संख्या में आईएस आतंकी हो सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) आतंकवादी संगठन हमले की साजिश रच रहा है। एक्यूआईएस का मौजूदा सरगना ओसामा महमूद है, जिसमें मारे गए आसिम उमर की जगह ली है। वह उमर की मौत का बदला लेने के लिए क्षेत्र में जवाबी कार्रवाई की साजिश रच रहा है। रिपोर्ट में बताया गया था कि भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा के 180 से 200 आतंकी हैं। ये भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार से हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा आईएस का सहयोगी है। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि पड़ोसी देशों बांग्लादेश और मालदीव में खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस की बढ़ती पकड़ ने देश में इसके प्रभाव को और ज्यादा विस्तार दिया है। यह आतंकी संगठन भारत के चारों तरफ स्थित छोटे-छोटे देशों में अपने पैर जमा रहा है। बांग्लादेश और मालदीव दोनों ही भारत के करीबी पड़ोसी देश हैं और इन देशों में आईएस के बढ़ रहे असर ने भारत की चिंता बढ़ाई है। यही नहीं, इन देशों के कई युवा आईएसआईएस में शामिल होने के लिए देश छोड़ चुके हैं।
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