डेढ़ वर्षों में नहीं खुल पाये पी.टी.ए. के बैंक खाते

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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जबलपुर। मप्र. तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने  बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के चलते लगभग दो वर्ष पूर्व पी.टी.ए. (पालक शिक्षक संघ) के सभी प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों के बैंक खाते अन्य बैंकों से बंद कर भारतीय स्टेट बैंक में खोलने के निर्देश जारी किये गये हैं ।
विगत डेढ़ वर्षों से बैंक द्वारा कुछ खाते तो खोल गये परन्तु बाद में खाता खोलने पर रोक लगा दी गई है व शिक्षकों को बताया जाता है कि भारतीय स्टेट बैंक द्वारा नया सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है इसके बाद ही आपकी शालाओं  के पी.टी.ए. खाते खोले जाएंगे ।
जिस कारण प्रदेश के लाखों व जिले के हजारों प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के प्रधानाध्यापक उधार में स्कूल संचालक करने मजबूर हैं । संघ के योगेंद्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, मंसूर बेग, आशुतोष तिवारी, दुर्गेश पाण्डेय , मुन्ना लाल पटेल, नरेन्द्र शुक्ला, गोविंद बिल्थरे, एस. के. बांदिल, रजनीश तिवारी, डी.डी.गुप्ता, योगेन्द्र मिश्रा, पवन श्रीवास्तव, विपिन शर्मा, सुधीर पंड्या, हेमचन्द्र विश्वकर्मा, राजेश ढीमर, एस.पी.बाथरे, वीरेन्द्र चंदेल, ब्रजेश मिश्रा, नितिन शर्मा, राकेश राव, सतेन्द्र ठाकुर, श्याम नारायण तिवारी, महेश कोरी, संतोष तिवारी, विनय नामदेव, आदित्य दीक्षित आदि ने माननीय कलेक्टर महोदय से मांग की है कि भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के पी.टी.ए. खाते शीघ्र खोने हेतु निर्देशित करें ।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।