रात में ही ट्रैक्टर से डैम तक पहुंचे अफसर, रिपेयरिंग में जुटी टीम
भोपाल। खंडवा में दो दिन से हो रही भारी बारिश की वजह से आबना नदी पर बना अर्दला बांध ओवरफ्लो हो गया। 5 जगह से पानी का रिसाव होने लगा। मिट्टी की बंधान में रिसाव की खबर लगते ही सोमवार रात को ही कलेक्टर, जल संसाधन और राजस्व विभाग के अफसर मौके पर पहुंच गए। अफसरों को डैम पर ट्रैक्टर से जाना पड़ा।
जल संसाधन विभाग की ईई मेघा चौरे ने बताया कि मछली ठेकेदार ने डैम में जालियां लगा रखी थी। इस वजह पानी रुक गया और वेस्ट वेयर की तरफ नहीं बढ़ सका। डैम ओवरफ्लो हुआ तो पानी का रिसाव होने लग गया। जालियां हटाने के बाद वेस्ट वेयर से पानी की निकासी बढ़ी तो मंगलवार की सुबह तक 5 में से 4 लीकेज बंद हो गए। बाकी के 1 लीकेज में रिसाव कम हो गया है। मौके पर जेसीबी और पोकलेन मशीन भेज दी है। रिपेयरिंग की जा रही है।
पंधाना एसडीएम कुमार शानू ने बताया कि राजस्व विभाग के तहसीलदार, पटवारी रातभर गांव अर्दला में डटे रहे। मौके से डैम के हालात में वरिष्ठ कार्यालय को सूचना दी। फिलहाल, खतरे की कोई बात नहीं है। ओवरफ्लो के कारण जो लीकेज हुए, वो बंद हो गए हैं। बांध की बंधान मिट्टी की है, इसकी रिपेयरिंग का काम किया जा रहा है। सोमवार रात को कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने भी मौके पर पहुंचकर बांध का निरीक्षण किया।
डैम के निचले हिस्से में 7 गांव बसे हैं
डैम के निचले हिस्से में सात गांव बसे हैं। यदि किसी प्रकार से हालात बिगड़ते हैं, तो इन गांवों को खाली कराना पड़ सकता है। सोमवार रात के समय राजस्व विभाग के अफसरों ने इन गांवों में जाकर लोगों से मुलाकात की। ग्रामीणों से कहा कि यदि कोई खतरे की स्थिति बनती है तो आप गांव खाली कर दें। इन गांवों में डापक्या, बुलियाखेड़ी, बरखेड़ी, खारवा, गोबरिया, रोशनहार, सोनगिर शामिल हैं।
डैम के निचले हिस्से में सात गांव बसे हैं। यदि किसी प्रकार से हालात बिगड़ते हैं, तो इन गांवों को खाली कराना पड़ सकता है। सोमवार रात के समय राजस्व विभाग के अफसरों ने इन गांवों में जाकर लोगों से मुलाकात की। ग्रामीणों से कहा कि यदि कोई खतरे की स्थिति बनती है तो आप गांव खाली कर दें। इन गांवों में डापक्या, बुलियाखेड़ी, बरखेड़ी, खारवा, गोबरिया, रोशनहार, सोनगिर शामिल हैं।
पंधाना विधानसभा का अर्दला गांव खंडवा जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर है। यहां आबना नदी पर 2011-12 में जल संसाधन और सिंचाई विभाग ने 11 करोड़ की लागत से मिट्टी की पाल देकर बांध बनवाया था। डैम की जलभराव क्षमता 3 मिलियन क्यूबिक मीटर है। बांध 100 एकड़ से ज्यादा जमीन में फैला हुआ है। इस डैम से 600 हेक्टेयर जमीन में सिंचाई होती है। डैम निर्माण का ठेका एक भाजपा नेता ने लिया था।