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पूर्व सीएम के बेटे ने कहा-जो सम्मान देगा, मैं उसके साथ रहूँगा
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने का फैसला कर लिया। उन्होंने यह भी बता दिया कि वे 6 मई को कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। शिवराज सरकार में मंत्री रहे दीपक जोशी की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से भी बातचीत हो चुकी है। भाजपा नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने इसकी पुष्टि भी की। उन्होंने कहा कि जो मुझे सम्मान देगा, में उसके साथ रहूंगा।
कमलनाथ जब प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पार्टी के जिला संगठन मंत्रियों की बैठक में भाग लेने पहुंचे थे। जब उनसे पूछा गया कि छत्तीसगढ़ भाजपा के बड़े नेता नंदकुमार साय ने पार्टी छोड़ दी। इस पर कमलनाथ ने कहा कि ये तो ट्रेलर है। आगे देखिए क्या- क्या होता है। कमलनाथ के इस बयान से माना जा रहा है कि बीजेपी के कई बड़े नेता अब कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं।
दीपक जोशी ने कहा कि में पिताजी की राजनीतिक विरासत आगे बढ़ाऊंगा। जनता का जो सहयोग पिताजी को मिलता रहा है। उन संबंधों को जीवित रखने के लिए सदैव तत्पर रहूंगा। में कांग्रेस जॉइन कर रहा हूं। 5 मई को मेरी पत्नी की पहली बरसी है। सात दिन तक कार्यक्रम चलेंगे, उसके बाद कांग्रेस जॉइन करूंगा। उन्होंने कहा कि 6 मई को वे भोपाल आकर कांग्रेस की सदस्यता लेंगे।
राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी
दीपक जोशी के पिता कैलाश जोशी 1977-78 में मध्यप्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने थे। कैलाश जोशी 8 बार विधायक और 2 बार लोकसभा सदस्य और एक बार राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। देवास जिले की राजनीति में जोशी परिवार की भूमिका अहम मानी जाती है।
हाटपिपलिया से तीन बार विधायक रहे
2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर दीपक जोशी को हाटपिपल्या विधानसभा से हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस उम्मीदवार मनोज चौधरी कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। दीपक जोशी 2003 में बागली सीट से चुनाव जीते थे। लेकिन, 2008 में परिसीमन के बाद बागली के आरक्षित होने के चलते वे हाटपिपल्या से चुनाव लड़े और दो बार विधायक बने। 2018 में दीपक जोशी के खिलाफ किसान आंदोलन भी हुआ था।
हाटपिपल्या में हुई बगावत के बाद उपेक्षित
ज्योतिरादित्य सिंधिया के 2020 में कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी। इस्तीफा देने वालों में हाटपिपल्या से दीपक जोशी को हराने वाले तत्कालीन कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी भी थे। वे भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद हुए उपचुनाव में मनोज चौधरी फिर विधायक बन गए। इसके बाद से ही दीपक जोशी अपने आपको उपेक्षित महसूस कर रहे थे। क्योंकि, विधायक होने के कारण अगला टिकट उनको ही मिलना तय था।
सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा बताई
फरवरी में भी दीपक जोशी ने सोशल मीडिया पर खुलेआम अपनी पीड़ा का खुलासा किया था। उन्होंने लिखा था ‘छल-कपट और पाप का फल धरती पर भुगतना पड़ता है। याद रखना समय किसी को माफ नहीं करता है। इससे पहले भी दीपक जोशी कई बार सार्वजनिक तौर पर पीड़ा जाहिर कर चुके हैं।
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati)
(भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381)
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