Highway Paramount Colony – इंदौर उज्जैन हाईवे पर सरपट भागता ग्रेसलैंड हैबिटेट्स सेरेन कंपनी का फर्जीवाड़ा

संचालक भूतड़ा ने रेरा नियमों की उड़ाई धज्जियाँ, कलेक्टर इंदौर को दिया झूठा शपथपत्र, धोखाधड़ी से शिवनारायण मालामाल

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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Highway Paramount Colony

 

डॉ. देवेंद्र मालवीय

Property in Indore। इंदौर की भोली-भाली जनता को ठगने की जैसे कोई प्रतियोगिता चल रही हो। आए दिन ऐसी खबरें सामने आती हैं कि कोई भू-व्यापारी इंदौरवासियों को धोखा दे गया। ज्यादातर मामलों में बाहरी व्यापारी, जिनका इस शहर से कोई लगाव नहीं, कुछ गुंडों और राजनेताओं को आर्थिक लाभ देकर संरक्षण प्राप्त करते हैं और स्थानीय लोगों को ठगते हैं। इनका एकमात्र उद्देश्य पैसा कमाना होता है, और इसके लिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं। न तो इन्हें नियमों की चिंता है और न ही जनता की। कुछ भ्रष्ट अधिकारी भी इनके मकसद में खुलकर साथ देते हैं। पहले भी बाहरी कंपनियों के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं और अब यवतमाल, महाराष्ट्र की कंपनी ग्रेसलैंड हैबिटेट्स सेरेन प्राइवेट लिमिटेड (Graceland Habitats Serene Private Limited) द्वारा फर्जीवाड़े की नई पटकथा लिखी जा रही है।

ग्रेसलैंड का विवादित साम्राज्य

ग्रेसलैंड हैबिटेट्स सेरेन प्राइवेट लिमिटेड (Graceland Habitats Serene), जिसके निदेशक शिवनारायण रामप्रताप भूतड़ा (Shivnarayan Rampratap Bhutada) यवतमाल निवासी हैं, ने इंदौर में पिछले छह वर्षों में अंधाधुंध गति से विस्तार किया है। कंपनी ने लगभग 27 कॉलोनियों का निर्माण शुरू किया है, जिनमें से कई में जमीन मालिकों या अन्य मुद्दों पर न्यायालयीन विवाद चल रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर भूखंडों की तेजी से बिक्री की जा रही है, जो अपने आप में संदेह पैदा करता है। शिवनारायण भूतड़ा (Shivnarayan Bhutada) ने अपना गृह क्षेत्र छोड़कर इंदौर में ताबड़तोड़ कॉलोनियाँ बनाई हैं। सवाल यह है कि बिना किसी राजनीतिक संरक्षण के इतना बड़ा कारोबार संभव कैसे है? आखिर शिवनारायण किस राजनेता के आंगन की तुलसी बने हुए हैं?

फर्जीवाड़े का “हाईवे पैरामाउंट”

दैनिक सदभावना पाती के सामने ग्रेसलैंड हैबिटेट्स की कॉलोनी हाईवे पैरामाउंट (Highway Paramount Colony) (ग्राम मुंडला हुसैन, तहसील सांवेर, जिला इंदौर, खसरा नंबर 80/1, 80/2, 84/1, 84/2, 84/3, 85/2, पटवारी हल्का नंबर 00042) में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। मध्यप्रदेश रेरा की वेबसाइट (www.rera.mp.gov.in) के अनुसार, इस कॉलोनी को रेरा पंजीकरण (संख्या: P-OTH-23-4226) 12 सितंबर 2023 को प्राप्त हुआ, जो 28 मई 2026 तक वैध है। कलेक्टर कार्यालय, इंदौर से विकास अनुमति (अनुज्ञा क्रमांक 185/2023, प्रकरण क्रमांक 0042/बी-121/2023-24) 29 मई 2023 को मिली। फिर भी, डेवलपर ने रेरा और पूर्णता प्रमाण पत्र से पहले भूखंड बेचे और रजिस्ट्री की, साथ ही झूठे शपथ पत्र देकर अनुमतियाँ हासिल कीं।

फर्जीवाड़ा नंबर 1: पूर्णता प्रमाण पत्र से पहले बंधक भूखंड की बिक्री और धोखाधड़ी

शिवनारायण भूतड़ा को विकास अनुमति 29 मई 2023 को मिली और उसके बाद में इन्होने शासन में बंधक रखे भूखंड बेचे। उदाहरण के लिए, खंडवा निवासी कमलचंद पिंजने और लोकेश पिंजने को भूखंड नंबर 142 (पंजीकरण संख्याः MP179092024A1368055) 21 मार्च 2024 को बेचा गया। जबकी, इसी भूखंड को कलेक्टर कार्यालय, इंदौर में विकास अनुमति के लिए बंधक रखा गया था। हैरानी की बात है कि दो दिन बाद, खरीदारों ने इस भूखंड पर लगभग 10 लाख रुपये का ऋण भी प्राप्त कर लिया।

इसके बाद, 31 जुलाई 2024 को डेवलपर ने झूठा शपथ पत्र देकर इस कॉलोनी का पूर्णता प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) प्राप्त कर लिया। यह रेरा अधिनियम की धारा 4(2)(1) (झूठी जानकारी देना) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 191 और 193 (झूठा साक्ष्य देना या गढ़ना) का उल्लंघन है।

फर्जीवाड़ा नंबर 2: रेरा अनुमति से पहले भूखंडों की बिक्री

रेरा नियमों के अनुसार, रेरा पंजीकरण से पहले किसी भी भूखंड का विज्ञापन, मार्केटिंग, या बिक्री प्रतिबंधित है (धारा 3), डेवलपर को यह शपथ पत्र देना होता है कि कोई भूखंड अनुमति से पहले नहीं बेचा गया। शिवनारायण भूतड़ा ने भी ऐसा शपथ पत्र (झूठा) देकर रेरा अनुमति प्राप्त की, लेकिन वास्तव में 12-09-2023 से पहले ही दर्जनों भूखंड बेचे जा चुके थे।

निम्नलिखित भूखंड रेरा अनुमति से पहले बेचे गए :-

  • 13-06-2023: आरती मेवाड़े, नितेश मेवाड़े, भूखंड नंबर 161
  • 16-06-2023: दीपचंद्र साहू, भूखंड नंबर 276
  • 16-06-2023: राघवेंद्र साहू, भूखंड नंबर 277
  • 15-06-2023: सुभाष चंद्र कराडिया, भूखंड नंबर 46
  • 04-07-2023: श्रीमती गीता, भूखंड नंबर 240
  • 04-07-2023: मनोज साहू, देवेंद्र साहू, भूखंड नंबर 18
  • 18-07-2023: कंचन यादव, भूखंड नंबर 242
  • 19-07-2023: केदार सिंह पंवार, भूखंड नंबर 12
  • 19-07-2023: केदार सिंह पंवार, भूखंड नंबर 13
  • 19-07-2023: शंकर सिंह, भूखंड नंबर 154
  • 21-07-2023: पूजा शर्मा, भूखंड नंबर 25
  • 24-07-2023: भंवर सिंह राठौर, भूखंड नंबर 180

यह रेरा अधिनियम की धारा 3 का स्पष्ट उल्लंघन है, जो प्रोजेक्ट की बिक्री से पहले पंजीकरण अनिवार्य करता है।

यह है नियम और परिणाम ऐसे हो सकते हैं –

हाईवे पैरामाउंट (Highway Paramount City) में डेवलपर ने न केवल रेरा नियमों की अनदेखी की, बल्कि झूठे शपथ पत्र देकर रेरा और कलेक्टर कार्यालय को गुमराह किया। रेरा विशेषज्ञों के अनुसार, इन उल्लंघनों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं :

रेरा अधिनियम के तहत :-

  1. धारा 59 : रेरा पंजीकरण से पहले बिक्री पर प्रोजेक्ट लागत का 10% तक जुर्माना या तीन साल तक की कैद।
  2. धारा 60 : झूठी जानकारी या शपथ पत्र देने पर प्रोजेक्ट लागत का 5% तक जुर्माना।
  3. धारा 7 : बार-बार उल्लंघन पर प्रोजेक्ट का निलंबन या रद्दीकरण, और डेवलपर को ब्लैकलिस्टिंग।

भारतीय दंड संहिता (IPC) : धारा 191 और 193: झूठा शपथ पत्र देने या साक्ष्य गढ़ने पर सात साल तक की सजा और जुर्माना।

शिवनारायण भूतड़ा ने यह फर्जीवाड़ा केवल हाईवे पैरामाउंट कॉलोनी (Highway Paramount Indore ) तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उनकी कई अन्य कॉलोनियों में भी ऐसी अनियमितताएँ सामने आई हैं। भूतड़ा आदतन फर्जीवाड़े में लिप्त प्रतीत होते हैं। दैनिक सदभावना पाती जल्द ही इन अन्य कॉलोनियों के फर्जीवाड़ों का खुलासा करेगी और जनहित में संबंधित विभागों, विशेषकर मध्यप्रदेश रेरा प्राधिकरण,कलेक्टर इंदौर एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इंदौर को औपचारिक सूचना देगी।

सचेत रहें :–

इंदौर की जनता से अपील है कि ऐसे डेवलपरों से पूरी तरह सतर्क रहें, जो शासन को धोखा दे सकते हैं। जो डेवलपर नियमों की अनदेखी करता हो, वह आपकी मेहनत की कमाई को कैसे बख्शेगा? निवेश से पहले रेरा पंजीकरण और विकास अनुमति की जाँच करें। केवल प्रतिष्ठित और रेरा-अनुमोदित प्रोजेक्ट्स में ही निवेश करें, ताकि आपका पैसा और भविष्य सुरक्षित रहे।

गलत भी और अकड़ भी :-

दैनिक सदभावना पाती ने डेवलपर शिवनारायण भूतड़ा (Shivnarayan Bhutada) को 24 जुलाई 2025 को ईमेल से पक्ष माँगा था, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला, व्हाट्सएप पर भी जवाब नहीं दिया बल्कि हमारे नंबर को ब्लॉक कर दिया।

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