कन्या महाविद्यालय देवास में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

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sadbhawnapaati
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मानसिक रोगों के लक्षणों को पहचान कर उचित परामर्श और इलाज से रोग ठीक किया जा सकता – श्रीमती धारवा

इंदौर। महारानी पुष्पमाला राजे पवार शासकीय कन्या महाविद्यालय देवास में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के अंतर्गत  रिबन क्लब एवं रेड क्रॉस सोसाइटी  के तत्वाधान में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य डॉ जीडी सोनी के मार्गदर्शन एवं संरक्षण में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती सोनी धारवा एवं अनिल धारवा (समाज सेवक एवं पत्रकार) रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलंन कर माल्यार्पण से हुआ मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों एवं प्राचार्य का स्वागत एनएसएस की छात्राओं सुशीला एवं प्रीतम द्वारा एनएसएस बैच से किया गया।

श्रीमती सोनी धारवा होम अगेन प्रोजेक्ट (मानसिक अस्वस्थ महिलाओं के लिए) ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान की काउंसलर एवं प्रबंधक है साथ ही वरेण्यम समाज कल्याण समिति (VSKS) की सचिव है। संस्था बिरला एजुकेशन ट्रस्ट के  एम पावर प्रोजेक्ट के तहत इंदौर, देवास और धार जिले में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मिथक  को कम करने का कार्य पिछले दो साल से कर रहा है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि सोनी धारवा ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से सभी को अवगत कराते हुए मिथक को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा एक वीडियो कार्टून के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को बताते हुए कहा कि व्यक्ति के आसपास का वातावरण, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक एवं जैविक कारणो से मानसिक स्वास्थ्य रोग होता है मानसिक रोगों के लक्षणों को पहचान कर मनोचिकित्सा द्वारा उपयुक्त इलाज एवं परामर्श से मानसिक रोगों का उपचार किया जा सकता है साथ ही उन्होंने एक निशुल्क टोल फ्री नंबर 18 00 12 08 200 5 0 की जानकारी दी।  इस नंबर पर मानसिक या भावनात्मक समस्या होने पर 24 × 7 बात की जा सकती है । व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाती है।

अनिल धारवा ने कहा कि नेशनल रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन मानसिक अस्वस्थता के कारण 468 आत्महत्या होती है वही मध्य प्रदेश में प्रतिदिन 42 लोग आत्महत्या करते हैं जो की चिंता का विषय है। प्राचार्य डॉक्टर जीडी सोनी ने अपने उद्बोधन में अपने मन की बात खुलकर कहने सकारात्मक रहने तथा अपने काम एवं जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए कहा ।

एनएसएस अधिकारी डॉ क्रांतदर्शी सिंदल ने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की इस वर्ष की थीम “चेंजिंग द नेरेटिव ऑन सुसाइड” से अवगत कराया जो आत्महत्या और इसकी वजहो के बारे में खुलकर बात करने को प्रोत्साहित करती है ताकि इसके मामलों को कम किया जा सके।

पूर्व एनएसएस अधिकारी डॉ अनीता भाना ने कहा शारीरिक गतिविधि और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाकर मानसिक स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है यह हेल्दी डाइट,पोषण, योग एवं व्यायाम से किया जा सकता है। 

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. क्रांतदर्शी सिंदल ने किया एवं आभार प्रदर्शन प्रो अंकित सक्सेना ने माना।

कार्यक्रम में डॉ चारुशीला भोसले, डॉ उज्ज्वला बाबर, डॉ लोकेश जारवल, डॉ प्रीति तगाया,  डॉ दीपांविता गांगुली, डॉ राहुल कौशल, डॉ विजय सिंह चौहान, प्रो. वर्षा जयसवाल, प्रो. अंजली वर्मा, समस्त स्टाफ एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रही।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।