नई दिल्ली । केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट (ABET) की मानसिक स्वास्थ्य पहल Mpower के साथ अपने समझौता ज्ञापन (MoU) को तीन वर्षों के लिए बढ़ाने की घोषणा की है। यह विस्तार 11 सितंबर 2025 को औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किया गया, जिसके तहत ‘प्रोजेक्ट मन’ के माध्यम से सीआईएसएफ कर्मियों और उनके परिवारों को व्यापक मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाएँगी। इस समझौते पर Mpower की प्रेसिडेंट श्रीमती प्रवीण शेख और वाइस प्रेसिडेंट संरक्षिका श्रीमती सुधा सेंथिल ने हस्ताक्षर किए।
‘प्रोजेक्ट मन’ की शुरुआत नवंबर 2024 में हुई थी, जब सीआईएसएफ और Mpower ने एक साल के लिए पहला समझौता किया था। इस दौरान लगभग 75,000 सीआईएसएफ कर्मियों और उनके परिवारों ने पेशेवर परामर्श सेवाओं का लाभ उठाया। परिणामस्वरूप, 2024 और 2025 में सीआईएसएफ में आत्महत्या की दर राष्ट्रीय औसत से कम रही, जो इस पहल की सफलता का प्रमाण है।
वर्तमान में 13 सीआईएसएफ सेक्टरों में 23 Mpower परामर्शदाता और चिकित्सीय मनोवैज्ञानिक सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। समझौते के विस्तार के साथ, परामर्शदाताओं की संख्या बढ़कर 30 हो जाएगी, और सेवाएँ पटना, अहमदाबाद, प्रयागराज, भोपाल/इंदौर, जम्मू, चंडीगढ़, जयपुर और कोचीन जैसे नए शहरों में भी उपलब्ध होंगी।
‘प्रोजेक्ट मन’ के प्रमुख लाभों में शामिल हैं:
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर नकारात्मक धारणाओं में कमी।
समय पर सहायता लेने की आदत को बढ़ावा।
भावनात्मक लचीलापन और चुनौतियों से निपटने की क्षमता में वृद्धि।
दूरस्थ और संवेदनशील स्थानों पर भी मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता।
अनुपस्थिति, थकान और दीर्घकालिक मानसिक समस्याओं में कमी।
सीआईएसएफ के महानिदेशक श्री राजविंदर सिंह भट्टी ने इस अवसर पर कहा, “हमारे कर्मियों का मानसिक और भावनात्मक कल्याण हमारी परिचालन उत्कृष्टता की नींव है। ABET के साथ हमारी साझेदारी यह सुनिश्चित करती है कि हमारा बल मानसिक रूप से मजबूत और राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहे।”
Mpower की संस्थापक और अध्यक्ष श्रीमती नीरजा बिड़ला ने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य समग्र कल्याण का आधार है। ‘प्रोजेक्ट मन’ के तहत सीआईएसएफ के साथ हमारी साझेदारी इस दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अगले तीन वर्षों में, हम इस कार्यक्रम का विस्तार कर यह सुनिश्चित करेंगे कि सीआईएसएफ कर्मियों और उनके परिवारों को आवश्यक मानसिक स्वास्थ्य सहायता मिले, ताकि एक ऐसी संस्कृति का निर्माण हो जहाँ मानसिक लचीलापन शक्ति का प्रतीक माना जाए।”
यह साझेदारी न केवल सीआईएसएफ कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।