पंचगव्य विद्यापीठम: फर्जी डिग्री और मान्यता के आरोपों में घिरा संस्थान

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sadbhawnapaati
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Panchagavya Vidyapeetham Kanchipuram । गाय हिंदू संस्कृति में सबसे पूजनीय है और इस आस्था का फायदा उठाकर कुछ फर्जी संस्थान और व्यक्ति लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं। गाय के नाम पर किए गए कार्यों को लेकर न तो कोई विरोध करता है और न ही सरकार या संगठन इसका गंभीरता से संज्ञान लेते हैं। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला तमिलनाडु के कांचीपुरम से सामने आया है, जहां पंचगव्य विद्यापीठम (Panchagavya Vidyapeetham) और इसके संस्थापक निरंजन वर्मा (Niranjan Verma)पर फर्जी डिग्री बांटने, UGC (University Grants Commission) से मान्यता न होने, और पंचगव्य थेरेपी के नाम पर छात्रों से मोटी फीस वसूलने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं, जिसने हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ और छात्रों के भविष्य को दांव पर लगाने की सच्चाई को उजागर किया है।तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित पंचगव्य विद्यापीठम (Panchagavya Vidyapeetham) पर फर्जी डिग्री जारी करने, UGC से मान्यता न होने और वैकल्पिक चिकित्सा के नाम पर छात्रों से फीस वसूलने के गंभीर आरोप लगे हैं। जांच में पता चला कि संस्थान की वेबसाइट पर किए गए कई दावों की पुष्टि नहीं हो सकी, जबकि संस्थापक निरंजन वर्मा द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ‘डॉ.’ की उपाधि की वैधता पर भी सवाल उठे हैं।

संस्थान के खिलाफ आरोप

पंचगव्य विद्यापीठम (Panchagavya Vidyapeetham) पर आरोप है कि यह भारत के विभिन्न राज्यों में प्रोग्राम आयोजित करता है और छात्रों से 40,000 रुपये तक फीस वसूलता है, लेकिन इन डिग्रियों की सरकारी नौकरियों या मेडिकल प्रैक्टिस में कोई वैधता नहीं है। वेबसाइट पर 8,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित करने का दावा किया गया है, लेकिन इसकी कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई।

UGC की भूमिका

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (University Grants Commission) की आधिकारिक लिस्ट में इस संस्थान का नाम कहीं नहीं मिला। UGC की फेक यूनिवर्सिटी लिस्ट में भी यह शामिल नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, बिना UGC मान्यता के कोई संस्थान विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं दे सकता।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में कोई भी चिकित्सा पद्धति इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के दायरे में आती है, और बिना मान्यता के अभ्यास अवैध हो सकता है। यह मामला छात्रों के भविष्य और वैकल्पिक चिकित्सा की वैधता से जुड़ा है।

निष्कर्ष

पंचगव्य विद्यापीठम (Panchagavya Vidyapeetham) पर लगे आरोपों की जांच आवश्यक है। UGC और संबंधित विभागों से अपील है कि ऐसी संस्थाओं की जांच करें ताकि छात्र ठगे न जाएं। संस्थान से अपील है कि वे दस्तावेज सार्वजनिक कर पारदर्शिता दिखाएं।

आगे की कार्रवाई

UGC और संबंधित विभागों को चाहिए कि वे इस मामले में जांच करें और आवश्यक कार्रवाई करें। छात्रों को भी सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी संस्थान में एडमिशन लेने से पहले उसकी मान्यता और वैधता की जांच करनी चाहिए।
संस्थान का पक्ष

संस्थान ने इन आरोपों पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि सभी दस्तावेज अधिकृत विभागों को ही सौंपे जाते हैं। संस्थान ने जांच एजेंसी को जवाब देते हुए कहा कि वे गंभीर विषय पर व्यक्तिगत संवाद को बेहतर मानते हैं और संपादक को कांचीपुरम आने का निमंत्रण दिया।

UNA , गौरी आडवाणी और क्राउन यूनिवर्सिटी अमेरिका ने जारी किए कानूनी नोटिस

UNA और क्राउन यूनिवर्सिटी (USA) एवं लंदन स्थित विश्व प्रसिद्ध कानूनविद गौरी आडवाणी ( पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की पूर्व पुत्र वधू ) द्वारा जारी नोटिसों में पंचगव्य विद्यापीठम पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि संस्थान द्वारा जारी हजारों ‘डॉक्टर’ सर्टिफिकेट्स UGC से गैर-मान्यता प्राप्त हैं, जो चिकित्सा अभ्यास के लिए अवैध और समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।

पंचगव्य विद्यापीठम पर लगे आरोपों की जांच आवश्यक है। UGC और संबंधित विभागों को चाहिए कि वे इस मामले में जांच करें और आवश्यक कार्रवाई करें। छात्रों को भी सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी संस्थान में एडमिशन लेने से पहले उसकी मान्यता और वैधता की जांच करनी चाहिए।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार पंचगव्य विद्यापीठम से पीड़ित सैकड़ों लोग कानूनी सहायता लेने के लिए शिकायत करने के लिए तत्पर हैं परंतु उनको भी धमकी दी जा रही है, यूएनए ने आधिकारिक तौर पर तमिलनाडु पुलिस और सीबीआई को पत्र लिखकर पंचगव्य विद्यापीठ हम और निरंजन वर्मा के विरुद्ध गंभीरता से जांच की मांग की है।

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