बिजली कंपनी द्वारा लोक अदालत में निराकृत किये गये लगभग 3 हजार प्रकरण 

sadbhawnapaati
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* बकाया राशि और ब्याज पर दी 1.04 करोड़ रुपये की छूट 
इन्दौर। नेशनल लोक अदालत में बिजली कंपनी ने प्रबंध निदेशक अमित तोमर के निर्देश पर अधिकाधिक प्रकरणों का समझौते के माध्यम से निराकरण करने के लिए प्रयास किया। इन्दौर वितरण बिजली कंपनी के कार्य क्षेत्र में 2 हजार 996 प्रकरणों का निराकरण हुआ है।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के इन्दौर-उज्जैन क्षेत्र के सभी 15 सर्कलों में कुल 44 स्थानों पर लोक अदालत लगी। इसमें 4.61 करोड़ की राशि के बकाया होने पर 2996 उपभोक्ताओं/उपयोगकर्ताओं के प्रकरणों का निराकरण हुआ है।
लोक अदालत में बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं व उपयोग कर्ताओं को एक करोड़ 4 लाख रुपए की नियमानुसार छूट दी गई। विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 तथा धारा 135 के तहत बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत में समझौता हुआ।
इन्दौर क्षेत्र के साथ ही उज्जैन क्षेत्र में हजारों मामलों को न्यायालयों में समझौते से निराकृत किया गया। प्री-लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी गई। प्री-लिटिगेशन स्तर पर सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी गई।
लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट प्रदान की गई। समझौते वाले आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व आदि का एकमुश्त भुगतान करना था।
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