महाराष्ट्र से इंदौर आने वाले हवाई यात्री साथ लाएं कोरोना जांच रिपोर्ट

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देशभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस का संक्रमण तैजी से फैल रहा है। महाराष्ट्र में भी कोरोना वायरस नियंत्रण में आने के बाद एक बार फिर से बेकाबू होता जा रहा है। महाराष्ट्र में पिछले 48 घंटे में कोरोना के 16,620 नए मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने फैसला लिया है कि अब महाराष्ट्र से इंदौर आने वाले हवाई यात्रियों को हवाई अड्डे पर ही कोरोना संक्रमण से मुक्त जांच रिपोर्ट दिखाना होगा, तभी उन्हें एयरपोर्ट परिसर से बाहर जाने की अनुमति मिल सकेगी। मध्यप्रदेश प्रशासन ने इस नियम को कानूनन अनिवार्य कर दिया है।

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दरअसल, इंदौर में जिलाधिकारी मनीष सिंह ने यह आदेश जारी किया है। उनके आदेश के अनुसार, ‘हवाई यात्रा करके महाराष्ट्र से इंदौर पहुंचने वाले सभी यात्रियों को अपने साथ आरटी-पीसीआर पद्धति की यह जांच रिपोर्ट रखना कानूनन अनिवार्य होगा कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हैं। यह रिपोर्ट यात्रा से 48 घंटे पहले की अवधि की होनी अनिवार्य है।’

जांच रिपोर्ट साथ न लाने पर एयरपोर्ट पर ही कराना पड़ेगा कोरोना टेस्ट
एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि प्रशासन का कोविड-19 रोकथाम दल इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों की यह रिपोर्ट जांचेगा। वहीं, महाराष्ट्र से इंदौर पहुंचने वाले यात्री यदि किसी कारणवश अपने साथ कोविड-19 की जांच रिपोर्ट नहीं ला पाते हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें हवाई अड्डे पर ही अपने खर्च से आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। अधिकारी ने बताया कि यदि यात्री इस जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाते हैं तो उन्हें अपने घरों में तब तक पृथक-वास में रहना होगा, जब तक कि वे संक्रमण से मुक्त नहीं हो जाते। प्रशासन उन पर निगरानी करेगा।

आदेश के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

अधिकरी ने यह भी बताया कि प्रशासन के आदेश के उल्लंघन पर हवाई यात्रियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान के साथ ही आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और महामारी रोग अधिनियम 1897 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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