Indore News. स्वच्छ सर्वेक्षण के सबसे महत्वपूर्ण कम्पोनेंट वाटर प्लस की टीम इंदौर में दस्तक दे चुकी है। ये टीम वाटर प्लस के प्रोटोकॉल के तहत भ्रमण कर रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को सौंपेगी। वाटर प्लस की टीम गुरुवार से शहर में है। आ गई है और ट्रायल भी शुरू कर दिया है। हालांकि ये सर्वे पूरी तरह से गोपनीय रखा गया है। यही कारण है कि नगर निगम का पूरा अमला अलर्ट पर है और एक-एक पॉइंट पर पहुंचकर व्यवस्था देख रहा है। ऐसे में अब वाटर प्लस का सर्टिफिकेट हासिल कर इंदौर सेवन स्टार रेटिंग हासिल करने वाला पहला शहर बन सकता है।
देखा जाये तो हमारे शहर की व्यवस्थाएं चाक चौबंद है। साल भर ‘चमकता’ रहता है, सुबह से देर रात तक शौचालयों की सफाई करते भी टैंकर दिखाई देते है, इसके पीछे कड़ा संघर्ष आईएएस निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल का रहा है। ये खुद अपनी टीम के साथ फील्ड पर सक्रिय रहती एक-एक स्थान पर पहुंचकर व्यवस्थाएं देखती हैं।
एक्सपर्ट की मानें तो वाटर प्लस को लेकर हमारा शहर तैयार है। सभी प्रोटोकॉल पर खरा उतरेगा। क्योंकि हमारी सारी वाटर बॉडी साफ है और गंदगी नहीं है। हर एक स्थान को कवर कर दिया गया। ताकि कचरा न डाला जाए हमारा शहर फिर से नंबर वन का प्रबल दावेदार है। कुल मिलाकर 80 से ज्यादा लोकेशन का भ्रमण कर व्यवस्था देखी जाएगी।स्पर्धा में ये रहेगा खास
1 शहर में 1168 से ज्यादा आवासीय कॉलोनी बताई गई।
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इंदौर क्यों है आगे :-
100 फीसदी कचरा का सेडिमेशन हो रहा है।
शहर पूरी तरह से कचरा पेटी मुक्त है।
शहर के फुटपाथ के अलावा सौंदर्यीकरण पर काम किया गया है।
शहर में प्रमुख चौराहों के अलावा अन्य स्थानों पर खूबसूरत स्पॉट तैयार किए गए
जीरो वेस्ट कॉलोनी भी तैयार की गई।
नाले में सीवरेज का गंदा पानी न जाए. इसके लिए आउटफॉल को चिह्नित कर पाइप लाइन में कलेक्ट किया गया है।
कमिश्नर पाल सुबह से लेती हैं व्यवस्थाओं का जायजा : नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल सुबह से ही व्यवस्थाओं का जायजा लेना शुरू कर देती है। यहां भ्रमण कर अधिकारियों की लोकेशन लेकर मौके पर पहुंचती है। इसी तरह एडिशनल कमिश्नरों द्वारा भी मैदान में उतरकर बारीकी से जांच की जा रही है कि कहीं पर कोई कमी तो नहीं है। अगर है तो तत्काल नियंत्रणकर्ता अधिकारी या डिप्टी कमिश्नरों को सूचना देकर व्यवस्थाएं जुटाई जाती है |
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