Religious News. शक्ति साधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व नवरात्रि को सनातन धर्म का सबसे पवित्र और ऊर्जादायक पर्व माना गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में चार नवरात्रि पड़ती है जो पौष, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन मास में पड़ती है। जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है और दो सार्वजनिक होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान तंत्र विद्या का विशेष महत्व है। इसी कारण गुप्त नवरात्रि का पर्व हर कोई नहीं मनाता है। इस समय की गई साधना जन्मकुंडली के समस्त दोषों को दूर करने वाली तथा चारों पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और कोक्ष को देने वाली होती है। इसका सबसे महत्वपूर्ण समय मध्य रात्रि से सूर्योदय तक अधिक प्रभावशाली बताया गया है। आषाढ़ माह में पड़ने वाली नवरात्रि को भी गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस दौरान प्रतिपदा से लेकर नवमी तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में साधक महाविद्याओं के लिए खास साधना करते हैं। आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि की तिथियां, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 30 जून, गुरुवार से हो रही है। इसका समापन 09 जुलाई, शनिवार को होगा।
प्रतिपदा तिथि का आरंभ – 29 जून 2022, सुबह 8 बजकर 21 मिनट
प्रतिपदा तिथि का समाप्ति – 30 जून 2022, सुबह 10 बजकर 49 मिनट
गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त – 30 जून 2022, सुबह 11 बजकर 57 से 12 बजकर 53 मिनट तक।
घट स्थापना मुहूर्त – 30 जून 2022, सुबह 5 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 43 मिनट तक।
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के साथ दस महाविद्या की भी पूजा की जाती है। जानिए कौन-कौन सी है ये महाविद्या
मां काली
मां तारा
मां त्रिपुर सुंदरी
मां भुवनेश्वरी
मां छिन्नमस्ता
मां त्रिपुर भैरवी
मां धूमावती
मां बगलामुखी
मां मातंगी
मां कमला
गुप्त नवरात्रि की तिथियां
प्रतिपदा तिथि- घटस्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा
द्वितीया तिथि – मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तृतीया तिथि – मां चंद्रघंटा की पूजा
चतुर्थी तिथि – मां कूष्मांडा की पूजा
पंचमी तिथि – मां स्कंदमाता की पूजा
षष्ठी तिथि – मां कात्यायनी की पूजा
सप्तमी तिथि – मां कालरात्रि की पूजा
अष्टमी तिथि – मां महागौरी की पूजा
नवमी तिथि – मां सिद्धिदात्री की पूजा
दशमी- नवरात्रि का पारण