सावधान :- कोरोना हुआ विकराल 805 नए मामले, सारे अस्पताल फुल, छोटे अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमितों को भर्ती कराने की तैयारी कर रहा प्रशासन

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

कोविड संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण शहर के बड़े और प्रमुख अस्पतालों में मरीजों को आसानी से बिस्तर उपलब्ध नहीं हो रहे। अस्पतालों में 64 फीसद बिस्तर भर चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग अब उन छोटे अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमितों को भर्ती कराने की तैयारी कर रहा है, जहां 10 से 15 बिस्तर उपलब्ध हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार शहर के अस्पतालों में 40 फीसद बिस्तर पर आस-पास के जिलों से आए मरीज भर्ती हैं। इंदौर में बड़ी संख्या में आस-पास के जिलों से संक्रमित पहुंच रहे हैं। शहर में पिछले माह तक कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज के 46 अस्पताल निर्धारित थे। इसके बाद एक अप्रैल को कोविड संक्रमितों के इलाज के लिए 65 अस्पताल निर्धारित किए गए। मरीजों की संख्या बढ़ी तो पांच अप्रैल तक शहर में 73 अस्पतालों को कोविड संक्रमितों के इलाज के लिए जिम्मेदारी सौंपी। कई अस्पतालों में तो मरीजों को आइसीयू बिस्तर भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]

जिला कोविड नोडल अधिकारी डा. अमित मालाकार के अनुसार अब जिला प्रशासन द्वारा शहर के होटलों में भी बिस्तर निर्धारित कर वहां भी डे केयर सुविधा शुरू कर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने तैयारी की जा रही है। इन होटलों में अस्पतालों के माध्यम से इंजेक्शन लगाने की व्यवस्था की जाएगी।
इंदौर शहर में सोमवार को कोरोना संदिग्ध 5853 मरीजों के सैंपल जांचे गए जिनमें से 805 मरीज पाजिटिव आए। देर रात जारी बुलेटिन के मुताबिक सोमवार को संक्रमण से तीन व्यक्तियों की मौत हुई। अभी तक मरने वालों की संख्या 977 हो चुकी है। उधर प्रशासन ने रविवार का लाकडाउन राऊ में भी लागू कर दिया है। सोमवार के हाट पर भी रोक लगा दी है।

[/expander_maker]

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।