भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने पश्चिम बंगाल सरकार पर की विवादित टिप्पणी बंगाल में ताड़का की सरकार और मुमताज का लोकतंत्र बताया, राष्ट्रपति शासन और NRC की मांग की

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की जीत को लेकर मध्यप्रदेश में भी सियासत शुरू हो गई है। भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने पश्चिम बंगाल सरकार पर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल को मुमताज का लोकतंत्र बताते हुए हिंदू कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या, बलात्कार की घटनाओं पर नाराजगी जाहिर की और लिखा- अब टिट फॉर टैट करना ही होगा यानी जैसे को तैसा।

उन्होंने कहा कि अब लोगों को असम में शरण लेना पड़ रही है। इसके लिए एकमात्र उपाय राष्ट्रपति शासन और NRC ही है। संतों और वीरों की भूमि पर ताड़का का शासन हो गया। हालांकि उनकी पोस्ट के बाद लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस भी शुरू हो गई है। किसी ने इसे कश्मीर बनने की शुरुआत बताया, तो किसी ने इसे भाजपा की हार की खीज बताया। लोगों ने इसके लिए भाजपा को भी घेरा है।

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दिग्विजय सिंह को हराया था प्रज्ञा ने

प्रज्ञा ठाकुर ने पिछले चुनाव में भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को हराया था। इसके बाद से वे कई मुद्दों पर विवादित टिप्पणी कर चुकी हैं। इसके बाद भाजपा को किनारा करना पड़ा। ताजा मामले में इसी तरह की टिप्पणी कंगना रनौत कर चुकी हैं, जिनका ट्वीटर हैंडल सस्पेंड किया गया।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।