जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
इंदौर। सात हजार सदस्यों के विश्वास के साथ चलने वाली श्री छत्रपति शिवाजी सहकारी साख संस्था इंदौर ने 4 करोड़ डूबत में है, जिसकी शिकायत सहकारिता विभाग को गई थी, जिसमें सभी संचालक मंडलों को दोषी पाया गया।
सहकारिता विभाग द्वारा एक वर्ष तक चली जांच के बाद प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार सहकारिता विभाग आयुक्त एवं उपायुक्त द्वारा जारी आदेश में जांच उपरांत नियम विरूद्ध करने वाले व आर्थिक अनियमितताओं में लिप्त अध्यक्ष/उपाध्यक्ष एवं संचालक मंडल के सदस्यों को पद से पृथक कर छह वर्ष के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर फौजदारी प्रकरण दर्ज करवाने के आदेश जारी किए गए, किंतु डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है बल्कि संस्था द्वारा जागरूक सदस्यों की सदस्यता समाप्त कर दी गई।
संस्था द्वारा उपरोक्तानुसार पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव्ह बैंक में कुल राशि रु 3,55,24,295.00 का विनियोजन किया गया है और वर्तमान में उक्त बैंक में आर्थिक अनियमितताएं प्रकाश में आने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अमानतदारों को राशियों का भुगतान करने पर रोक लगा दी गई है जो वर्तमान में भी प्रभावशील है। इस प्रकार प्रथम दृष्टया उक्त विनियोजित राशि डूबत की स्थिति में है।
भारतीय जनता पार्टी के सहकारिता प्रकोष्ठ क्षेत्र क्र. 3 के मंडल सहप्रभारी अनिल देशमुख ने यह बताया कि संचालकों द्वारा करोड़ों रूपए की आर्थिक गड़बड़ियां की गई है। जिसकी शिकायत सदस्यों द्वारा सहकारिता विभाग में की थी। गत दो वर्षों मंे आज दिनांक तक संचालक मंडलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह मुद्दा संस्था की वार्षिक महासभा में उठाया गया था। संस्था संचालकों द्वारा मनमानी करने के साथ ही मेरी सदस्यता समाप्त कर दी गई है।
सहकारिता विभाग द्वारा एक वर्ष तक चली जांच के बाद प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार सहकारिता विभाग आयुक्त एवं उपायुक्त द्वारा जारी आदेश में जांच उपरांत नियम विरूद्ध करने वाले व आर्थिक अनियमितताओं में लिप्त अध्यक्ष/उपाध्यक्ष एवं संचालक मंडल के सदस्यों को पद से पृथक कर छह वर्ष के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर फौजदारी प्रकरण दर्ज करवाने के आदेश जारी किए गए, किंतु डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है बल्कि संस्था द्वारा जागरूक सदस्यों की सदस्यता समाप्त कर दी गई।
संस्था द्वारा उपरोक्तानुसार पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव्ह बैंक में कुल राशि रु 3,55,24,295.00 का विनियोजन किया गया है और वर्तमान में उक्त बैंक में आर्थिक अनियमितताएं प्रकाश में आने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अमानतदारों को राशियों का भुगतान करने पर रोक लगा दी गई है जो वर्तमान में भी प्रभावशील है। इस प्रकार प्रथम दृष्टया उक्त विनियोजित राशि डूबत की स्थिति में है।
भारतीय जनता पार्टी के सहकारिता प्रकोष्ठ क्षेत्र क्र. 3 के मंडल सहप्रभारी अनिल देशमुख ने यह बताया कि संचालकों द्वारा करोड़ों रूपए की आर्थिक गड़बड़ियां की गई है। जिसकी शिकायत सदस्यों द्वारा सहकारिता विभाग में की थी। गत दो वर्षों मंे आज दिनांक तक संचालक मंडलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह मुद्दा संस्था की वार्षिक महासभा में उठाया गया था। संस्था संचालकों द्वारा मनमानी करने के साथ ही मेरी सदस्यता समाप्त कर दी गई है।