मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना’ होगी शुरू ,कर्मचारियों के परिजनों को मिलेगी नौकरी और 5 लाख की मदद – शिवराज सिंह

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले वाली सरकारी कर्मचारी, संविदा कर्मचारियों को सरकार अनुकंपा नियुक्ति देने के 5 लाख की सहायता देगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना का एलान करते हुए कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना और मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना शुरु की जाएगी। कोरोनाकाल में कर्मचारियों के लिए ऐसी योजना शुरु करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।
मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना-इस योजना के अंतर्गत सभी नियमित स्थाई कर्मचारी, कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले दैनिक वेतन भोगी, तदर्थ संविदा कलेक्टर दर पर कार्यरत सेवक
इन सबके परिवारों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति उसी पद पर दी जाएगी। इसके साथ अनुकंपा नियुक्ति की योजना में आशा कार्यकर्ताओं के लिए भी अलग से योजना प्रदेश में बनाई जा रही है जिनसे इन परिवारों के जो आश्रित भाई बहन है उनको राहत मिल सके उनकी आजीविका चल सके।
मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना-इस योजना के तहत ऐसे कर्मचारी जिनकी कोरोना संक्रमण के चलते मृत्यु हो गई उनके परिवार को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी। इस योजना में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका,आशा कार्यकर्ता, ग्राम
कोटवार इत्यादि सभी कर्मी सम्मिलित होंगे।

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योजना का एलान करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कर्मचारी राज्य शासन के अभिन्न अंग है और कोविड-19 के दौरान महामारी के बीच कर्मचारी अपने कर्तव्यों के निर्वाह पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कर रहे हैं। ऐसे समय में जब हम सब से कह रहे हैं कि कोई घरों से ना निकले सुरक्षित रहें, उस समय हमारे कर्मचारी भाई और बहन दिन-रात फील्ड में जनता की सेवा में लगे हुए हैं। व्यवस्था बिगड़ने नहीं दे रहा है राहत देने एवं इलाज करने में लगे हैं।
ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं भी हुई काम करते-करते हमारे कई कर्मचारी भाई-बहन इस कोविड-19 के दौरान हमसे बिछड़ गए। वे इस दुनिया में नहीं रहे, उनके परिवारों की देखभाल करना चिंता करना हमारी जवाबदारी है इसलिए राज्य शासन ने 2 योजनाएं बनाने का फैसला किया है। ताकि उनका परिवार उनसे बिछड़ जाने के बाद परेशान ना हो रोजगार के लिए निश्चिंत रहे और उनकी आजीविका चलती रहे।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।