CM स्टालिन की अपील ‘तमिल को भी हिंदी की तरह समान अधिकार मिले’, प्रधानमंत्री बोले- तमिल भाषा अमर है, इसकी संस्कृति वैश्विक

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देश. हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विवाद के बीच तमिलनाडु पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तमिल भाषा अमर है और इसकी संस्कृति वैश्विक है। चेन्नई से कनाडा तक, मदुरै से मलेशिया तक, नमक्कल से न्यूयॉर्क तक, सलेम से दक्षिण अफ्रीका तक, पोंगल और पुथंडु के अवसरों को उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बयान के जरिये पीएम ने उन लोगों को संदेश देने की कोशिश की जो लगातार हिंदी बनाम तमिल का विवाद खड़ा कर रहे हैं।

जवाहर लाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में राज्यपाल आरएन रवि और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की उपस्थिति में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार तमिल भाषा और संस्कृति को और लोकप्रिय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत चेन्नई में केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान के नए परिसर का जनवरी में उद्घाटन किया गया। यह नया परिसर पूरी तरह से केंद्र की फंडिंग से बनाया गया है। मोदी ने कहा, तमिलनाडु आना हमेशा अच्छा लगता है। यह भूमि विशेष है। इस राज्य की जनता, संस्कृति और भाषा बेजोड़ है।

डीफलिंपिक में राज्य के युवाओं ने पदक दिलाए
मोदी ने कहा, हाल में मैंने अपने आवास पर भारतीय डीफलिंपिक दल की मेजबानी की। इस बार टूर्नामेंट में भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था और हमने जो 16 पदक जीते, उनमें 6 की जीत में तमिलनाडु के युवाओं की भूमिका थी।

श्रीलंका की कर रहे मदद
श्रीलंका इन दिनों कठिन समय से गुजर रहा है। इससे आप लोग भी चिंतित होंगे। उसका करीबी मित्र और पड़ोसी होने के नाते भारत उसे हर जरूरी मदद मुहैया करा रहा है।

तमिल को हिंदी के समान समझिए : स्टालिन
कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री एमके स्टाटिन ने तमिल को हिंदी की तरह आधिकारिक भाषा बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कार्यालयें और मद्रास हाईकोर्ट में तमिल में कामकाज होना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम चेन्नई पहुंचे। प्रधानमंत्री ने यहां जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में 31,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के विकास कार्यों का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में रेलवे, पेट्रोलियम, आवास और सड़कों जैसे प्रमुख बुनियादी क्षेत्र शामिल हैं। इन कार्यों से वाणिज्य और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।