सीएमएचओ श्री हसानी की ताबड़तोड़ कार्रवाई: दैनिक सदभावना पाती की शिकायत पर फर्जी

श्री रामा हॉस्पिटल का पंजीयन निरस्त

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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सदभावना पाती संवाददाता

Indore News Hindi । शहर का स्वास्थ्य विभाग अवैध और अनियमित गतिविधियों पर कड़ा प्रहार करने के मूड में है। हाल ही में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. माधव प्रसाद हसानी ने जन सुनवाई में प्राप्त एक शिकायत के आधार पर फिनिक्स हॉस्पिटल के औचक निरीक्षण में आयुष्मान कार्ड धारकों से अनुचित वसूली के मामले में नोटिस जारी किया था। अब द्वारकापुरी, हवा बंगला मेन रोड पर स्थित श्री रामा हॉस्पिटल को अवैध रूप से संचालित पाए जाने के बाद सीएमएचओ ने इसका पंजीयन रद्द कर बंद करने का आदेश जारी किया है।

दैनिक सदभावना पाती अखबार की लगातार पहल और ठोस साक्ष्यों के साथ की गई शिकायत के बाद कई महीनों की जांच के परिणामस्वरूप यह कार्रवाई हुई। अस्पताल की संचालक श्रीमती रानू खनवे पर फर्जी दस्तावेजों और झूठे शपथ-पत्रों के आधार पर पंजीयन कराने का गंभीर आरोप है, जो जन स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित हो सकता था। सीएमएचओ कार्यालय ने 21 अगस्त 2025 को पत्र क्रमांक 15099 के माध्यम से अस्पताल को सात दिनों के भीतर बंद करने और पंजीयन रद्द करने का आदेश दिया है।

सीएमएचओ श्री हसानी की ताबड़तोड़ कार्रवाई

शिकायतकर्ता डॉ. देवेंद्र मालवीय, जो दैनिक सदभावना पाती के संपादक हैं, जनहित में इस तरह के गंभीर मामलों को उजागर करने के लिए समय-समय पर आपत्ति दर्ज कराते रहे हैं। उन्होंने विभिन्न अधिकारियों को भेजे गए विस्तृत आवेदन में श्री रामा हॉस्पिटल की अनियमितताओं का खुलासा किया। सूचना के अधिकार (आरटीआई) से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने बताया कि रानू खनवे ने खुद को एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी) बताकर झूठी जानकारी दी, जबकि उनके पास कोई समकक्ष चिकित्सा डिग्री नहीं है। अस्पताल के पंजीयन आवेदन में कई फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, जैसे फायर एनओसी की जगह एक इंजीनियर का अमान्य पत्र, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीसीबी) की अनुमति जो गलत पते पर जारी थी, और कई दस्तावेजों में अस्पताल का पता अलग-अलग दर्ज किया गया। डॉ. मालवीय ने बताया कि अस्पताल अवैध कॉलोनी ‘ऋषि पैलेस’ में ग्रीन बेल्ट क्षेत्र पर बना है, जहां नगर निगम से कोई भवन अनुमति या पूर्णता प्रमाणपत्र नहीं लिया गया।

आवेदन में कई अन्य गंभीर खामियां उजागर की गईं, जैसे फर्जी शपथ-पत्र, संपत्ति कर रसीदों में छेड़छाड़, इंटरनेट से लिए गए फोटोग्राफ्स को मशीनरी और बिस्तरों के सबूत के रूप में प्रस्तुत करना, नियमानुसार अस्पताल में पार्किंग की सुविधा अनिवार्य है, जो मौके पर नहीं थी। दमकल वाहनों के लिए 3.6 मीटर का स्पेस और वैकल्पिक फायर एक्जिट गेट का भी अभाव था, जिससे आग लगने या आपात स्थिति में मरीजों की जान को गंभीर खतरा था। डॉ. मालवीय ने मध्य प्रदेश उपचर्याग्रह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम 1973 और नियम 1997 का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे अस्पतालों का पंजीयन तुरंत रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि ये म्यूनिसिपल कानूनों और शासन के परिपत्रों का उल्लंघन करते हैं।

श्री रामा हॉस्पिटल ने अनुमति प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेजों और झूठे शपथ-पत्रों का सहारा लिया। इस गंभीर अपराध के चलते अस्पताल की संचालक रानू खनवे के खिलाफ पुलिस में आपराधिक मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।

सीएमएचओ डॉ. माधव प्रसाद हसानी के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अस्पताल बिना वैध भवन अनुमति के चल रहा था, जो नियम 1997 की अनुसूची 2 और अधिनियम 1973 की धारा 4(4)(एफ) का उल्लंघन है। संचालक द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को असंतोषजनक बताते हुए आदेश में कहा गया कि अस्पताल को सात दिनों में बंद कर फोटोग्राफ्स के साथ सूचना देनी होगी, अन्यथा दंडात्मक कार्रवाई होगी। यह आदेश कलेक्टर, संभागायुक्त और अन्य उच्च अधिकारियों को भी भेजा गया है। नगर निगम के पत्र क्रमांक 2331/भ.अ.शा/2024 दिनांक 06.12.2024 से पुष्टि हुई कि अस्पताल का कोई नक्शा पास नहीं किया गया, और शपथ-पत्र में दिए गए दावे झूठे थे।

इस कार्रवाई से आसपास के निवासियों को राहत मिली है, जो अस्पताल के कारण ट्रैफिक जाम और संक्रमित कचरे की समस्या से परेशान थे। डॉ. मालवीय ने कहा कि उनकी शिकायत न केवल श्री रामा हॉस्पिटल तक सीमित थी, बल्कि ऐसे अन्य अवैध अस्पतालों पर भी केंद्रित थी, जिन्हें बिना वैध दस्तावेजों के अनुमति दी गई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आगे कार्रवाई नहीं हुई तो लोकायुक्त या न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग अब ऐसे अन्य मामलों की जांच तेज करने की बात कर रहा है, ताकि जन स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।

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