सरकार की घोषणा का लाभ प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा. जिन्होंने बिल जमा करा दिए थे उनका पैसा आगे के बिलों में एडजस्ट कर दिया जाएगा. जिन उपभोक्ताओं ने समाधान योजना के तहत बिजली बिल जमा किए थे उनके पैसे अगले बिल में एडजस्ट कर दिए जाएंगे. सीएम शिवराज ने कहा कोरोना काल में लोगों की नौकरी चली गयी और धंधे चौपट हो गए. उनके आर्थिक नुकसान को देखते हुए उपभोक्ताओं के बिजली बिल नहीं वसूलने का फैसला सरकार ने लिया है.
लाखों उपभोक्ताओं को लाभ
सीएम ने कहा जिन उपभोक्ताओं ने समाधान योजना के तहत बिल की राशि को जमा किया है वो अपने आप को ठगा महसूस ना करें. इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि जितने पैसे जमा किए हैं वह आगे बिजली के बिलों में समायोजित होंगे. एमपी में कोरोना काल के दौरान बिजली बिलों की वसूली फ्रीज करने का फैसला लिया था. यदि सरकार के इस पूरे फैसले पर नजर डालें तो राज्य सरकार ने कोरोना काल के दौरान प्रदेश के 75 लाख 73 हजार उपभोक्ताओं के बिजली बिल की वसूली को फ्रीज कर दिया था. सरकार के इस फैसले से उपभोक्ताओं पर निकल रहे मूल 3664 करोड़ रुपए अटक गए थे. इस पर सरचार्ज 102.96 करोड़ निकल रहा था. हालांकि सरकार ने इसके बाद समाधान योजना लागू कर बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी सहूलियत देने का ऐलान किया था.
दूसरे विकल्प में 6 किश्तों में बिजली बिल जमा करने की सहूलियत दी गई थी. इसमें 25 फीसदी राशि माफ करने का ऐलान किया गया था. सरकार की समाधान योजना के तहत 14 लाख लोगों ने बिजली बिल जमा किया था. इससे सरकार को 180.95 करोड़ रुपये की राशि मिली थी. अब सरकार ने उन्हीं 14 लाख बिजली उपभोक्ताओं का पैसा अगले बिलों में एडजस्ट करने का ऐलान किया है.
बिजली का चुनावी गणित
मतलब साफ है अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जिस मुद्दे को विपक्ष जोर-शोर से उठा रहा था उसे सरकार ने डेढ़ साल पहले ही खत्म कर दिया. इससे प्रदेश के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी. सरकार के इस फैसले से तय है कि अगले चुनाव में सरकार को बड़ा फायदा होगा. सरकार का टारगेट बिजली उपभोक्ताओं के जरिए एक बड़ी आबादी को फायदा पहुंचाने का है ताकि अगले चुनाव में पार्टी के लिए बिजली बिल कोई मुद्दा ना रहे.