जानलेवा साबित हुआ दमाेह उपचुनाव:चुनाव में संक्रमित हुए 200 शिक्षक, 14 की मौत, 20 की हालत गंभीर

sadbhawnapaati
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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में दमोह उपचुनाव कराना जानलेवा साबित हो गया है। चुनाव कराने के लिए दमोह जिले के 800 शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई थी। इनमें से 200 शिक्षक चुनावी प्रशिक्षण लेने और इसके बाद मतदान कराने में संक्रमित हो गए। अब तक 14 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। ये मौतें 36 दिन में हुई। 100 शिक्षक अब भी कोरोना से सांसों की जंग लड़ रहे हैं। इनमें 20 की हालत गंभीर है।

आश्चर्य की बात है कि चुनावी ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद भी जिला प्रशासन ने इन शिक्षकों की सुध नहीं ली। यहां तक कि उन्हें अस्पतालों में बेड तक नहीं मिले। मजबूरन कई शिक्षकों को जबलपुर और सागर जाकर इलाज कराना पड़ रहा है। शिक्षक बृजलाल अहिरवार चुनावी ड्यूटी में संक्रमित हुए और उनसे उनकी पत्नी भी संक्रमित हो गई। 5 मई को दोनों ने दम तोड़ दिया।

अध्यापक संगठन के प्रांताध्यक्ष आरिफ अंजुम ने आरोप लगाया कि दमोह जिले में अब तक 45 शिक्षकों का कोरोना से निधन हुआ है, जिसमें चुनाव ड्यूटी में सबसे ज्यादा शिक्षकाें की मौत हुई है। ऐसे शिक्षकों को कोरोना योद्धा के तहत 50 लाख रुपए की राशि और अनुकंपा नीति का लाभ दिया जाएं। डीईओ एचएन नेमा ने कहा- 43 शिक्षकों की कोरोना से मौत की जानकारी मिली है। चुनाव ड्यूटी में संक्रमित होने से मौत का कोई रिकार्ड नहीं है।

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6 मामले, जिनमें संक्रमित शिक्षकों को जिला प्रशासन ने मरने के लिए छोड़ दिया, एक-एक कर दम तोड़ते चले गए
परिजन ने सागर ले जाकर भर्ती कराया

बटियागढ़ के हायर सेकंडरी स्कूल मंगोला में पदस्थ शिक्षक लालसिंह ठाकुर की ड्यूटी पी-1 अधिकारी के रूप में लगी थी। मतदान के एक दिन पहले 16 अप्रैल को तबीयत बिगड़ी। बेटे राहुल ने डाॅक्टर को दिखाया तो लंग्स में इंफेक्शन निकला। सागर बीएमसी में भर्ती कराया। 24 अप्रैल को मौत हो गई।

ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई
बटियागढ़ के शासकीय प्राथमिक शाला बमनपुरा में पदस्थ शिक्षक हरिराम प्रजापति 7 अप्रैल को प्रशिक्षण में शामिल हुए। उनकी मतदान दल 195 में डयूटी लगी थी। 11 अप्रैल को तबीयत बिगड़ने पर दमोह के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। ऑक्सीजन की कमी होने पर 18 अप्रैल को मौत हो गई।

मतदान कराया फिर संक्रमित और मौत
शासकीय नवीन प्राथमिक शाला पथरिया में पदस्थ बृजकिशोर समदरिया की कोरोना से 3 मई को मौत हो गई। उन्होंने 17 अप्रैल को हुए मतदान में प्रेमशंकर धगट मांगंज स्कूल मतदान केंद्र 122 पर चुनाव संपन्न कराया। इसके बाद से ही तबीयत बिगड़ गई। कुछ दिन बाद जांच कराई तो वे संक्रमित पाए।

चुनाव के 4 दिन बाद संक्रमित, दम तोड़ा
शासकीय प्राथमिक शाला जागूपुरा में पदस्थ अरविंद जैन की डयूटी पीठासीन अधिकारी के तौर पर मनोरंजन गृह रेलवे स्टेशन के पीछे मतदान केंद्र 130 पर लगी थी। जैन ने 17 अप्रैल को मतदान कराया। चुनाव के चार दिन बाद ही वे संक्रमित निकले। इलाज के बावजूद उनका 4 मई को निधन हो गया।

मतदान के दिन ही मौत हो गई
बटियागढ़ के शासकीय प्राथमिक शाला पिपरिया घनश्याम में पदस्थ शिक्षक जमना प्रसाद की मतदान वाले दिन 17 अप्रैल को मौत हो गई। उनकी पत्नी रामदुलारी ने बताया चुनावी काम के लिए कलेक्टोरेट में उनकी डयूटी लगी थी, तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई थी और मतदान के दिन ही उनकी मौत हो गई।

जिला अस्पताल में बेड तक नहीं मिला
शासकीय प्राथमिक शाला हिंडोरिया मुकरबा वार्ड में पदस्थ शिक्षक भरत कुमार चौरसिया की चुनाव प्रशिक्षण लेने के बाद 10 अप्रैल को अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिला अस्पताल में बेड नहीं मिलने पर भोपाल ले जाया। भोपाल में 17 अप्रैल को उनका निधन हो गया। उनकी कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई थी।

इन 8 शिक्षकों को भी नहीं बचा पाए डॉक्टर: प्राइमरी स्कूल बरी कनौरा में पदस्थ शिक्षक दिनेश प्रधान की भी मौत हो गई। इनकी ड्यूटी मतदान केंद्र-133 में थी लेकिन 12 अप्रैल को तबीयत बिगड़ने के बाद इनकी मौत हो गई। शिक्षक बृजलाल अहिरवार, रसीद खां, ज्ञानेश्वर सिंह ठाकुर, आनंदीलाल करपेती, डालचंद्र साहू और हरिचरण तिवारी ने चुनावी प्रशिक्षण लिया था, वहीं संक्रमित हुए व दम तोड़ दिया। शिक्षक सीताराम ठाकुर की ड्यूटी चुनाव सामग्री वितरण में लगी थी। इस बीच ये भी संक्रमित हो गए और मौत हो गई।

दमोह उपचुनाव में ये नेता भी गंवा चुके हैं जान
पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर, महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष मांडवी चौहान, पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष दमोह देवनारायण श्रीवास्तव। ये सभी पार्टी की तरफ से प्रचार और मैनेजमेंट देख रहे थे। इसके अलावा कांग्रेस-बीजेपी के 125 पदाधिकारी और कार्यकर्ता संक्रमित हुए, जिनका इलाज चल रहा है।

मेरे पास कोई सूचना नहीं
चुनाव ड्यूटी के दौरान शिक्षकों के संक्रमित होेने और मौतें की सूचना मेरे पास नहीं आई, जो भी आवेदन या प्रतिवेदन आएंगे, सत्यापन कराया जाएगा और इसकी सूचना शासन को भेजी जाएगी।
तरुण राठी, कलेक्टर, दमोह

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