Editorial – चार रत्न – गुरु पूर्णिमा विशेष

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाये
मेरे जीवन मे आये सभी गुरु जानो क़ो कोटि कोटि प्रणाम
एक वृद्ध संत ने अपने जीवन की अंतिम घड़ीयों को नज़दीक देख अपने बच्चों को अपने पास बुलाया और कहा: *मैं तुम बच्चों को चार कीमती रत्न दे रहा हूँ, मुझे पूर्ण विश्वास है कि यदि तुम इन्हें सम्भाल कर रखोगे तो पूरी ज़िन्दगी इनकी सहायता से अपना जीवन आनंदमय तथा श्रेष्ठ बना पाओगे।*
1~पहला रत्न है: “माफी” :~
हमारे लिए कोई कुछ भी कहे, हमे उसकी बात को कभी अपने मन में नहीं बिठाना हैं और ना ही उसके लिए कभी किसी प्रतिकार की भावना मन में रखना हैं, बल्कि उसे माफ़ कर देना हैं।
2~दूसरा रत्न है: “भूल जाना” :~
अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद अपने मन में नहीं रखना।
3~तीसरा रत्न है: “विश्वास” :~
हमे अपनी महेनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना हैं, क्योंकि हम कुछ नहीं कर सकते.. जब तक उस सृष्टि नियंता के विधान में नहीँ लिखा होगा। परमपिता परमात्मा पर रखा गया विश्वास ही हमे अपने जीवन के हर संकट से बचा पाएगा और सफल करेगा।
4~चौथा रत्न है: “वैराग्य” :~
हमेशा यह याद रखे कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निश्चित ही हमें एक दिन मरना ही है। इसलिए किसी के लिए अपने मन में लोभ-मोह न रखे।
जब तक तुम ये चार रत्न अपने पास संभाल कर रखोगे, तुम खुश और प्रसन्न रहोगे।
सत्य कथन यहीं हैं कि जीवन को सुखी बनाना हो तो उपरोक्त युक्ति को ही अपनाना होगा।
डॉ. अंश मालवीय 
(आर्थो एम. एस.)
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।